विहिप के आह्वान पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में लोहरदगा में गुरुवार को निकाले गए जुलूस पर अमलाटोली में हमला-पथराव के बाद पूरे शहर में धारा 144 लगा दिया गया है। अचानक हुए पथराव से अफरातफरी मच गई। इतना ही नहीं उपद्रवियों ने इस क्रम में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी भी की। लोहरदगा शहर के अलग-अलग इलाकों में कई वाहनों को फूंक दिया गया, तो कई वाहनों को तोड़ा गया। मोटरसाइकिल, चौपहिया वाहनों, निजी एवं सरकारी वाहनों के साथ-साथ कई दुकानों को फूंक दिया गया। घरों में घुसकर आग लगाई गई है।
जुलूस में शामिल 50 लोगों के साथ कई पुलिसकर्मी घायल, स्थिति तनावपूर्ण
कुछ देर के अंतराल पर पूरा लोहरदगा धू-धू कर जलने लगा। इन घटनाओं में चार दर्जन से अधिक महिला-पुरुषों के साथ पुलिस के भी कई जवान घायल हुए हैं। घायलों में सीएए समर्थकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में आम लोग शामिल हैं। शहर के कई इलाकों में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई और प्रतिहिंसा का दौर भी शुरू हो गया। हिंसा रोकने में पुलिस पूरी तरह विफल रही, यहां तक कि उपद्रवियों ने एसपी प्रियदर्शी आलोक को लक्ष्य कर जबरदस्त पथराव किया। किसी तरह अंगरक्षक उन्हें सही सलामत निकालने में सफल रहे, लेकिन इस क्रम में एसपी के कई अंगरक्षक घायल हो गए।
शहर में लगाया गया कर्फ्यू
शहर के माहौल को देखते हुए उपायुक्त आकांक्षा रंजन के निर्देश पर एसडीओ ज्योति कुमारी झा ने शहर में एहतियातन कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी। इसके साथ अग्निशमन विभाग सहित तमाम आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट कर दिया गया है। लोगों को घर से नहीं निकलने की हिदायत दी गई है।
ऐसे बढ़ा लोहरदगा में बवाल
सीएए के समर्थन में जुलूस जैसे ही अमलाटोली के पास पहुंची उपद्रवियों ने बवाल मचा दिया। जुलूस पर पथराव करने लगे। जुलूस के साथ चल रही पुलिस को भी निशाना बनाया गया, जिससे भगदड़ मच गई। जिसे जिधर जगह मिली, उधर ही भाग निकले। पुलिस उपद्रवियों को नियंत्रित करने में विफल रही। इसके बाद शहर के जामा मस्जिद चौक, बड़ा तालाब, सोमवार बाजार, बक्सीडीपा, पावरगंज चौक सहित कई स्थानों में वाहनों में तोडफ़ोड़, आगजनी, पथराव, हवाई फायरिंग हुई। कई दुकानों और घरों को लक्ष्य बनाकर तोडफ़ोड़ कर लूटपाट की गई। साथ ही आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया।
पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले छोड़ उपद्रवियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया। शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। बावजूद बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा। उपायुक्त आकांक्षा रंजन, एसपी प्रियदर्शी आलोक, डीडीसी आर रोनिटा, एसडीओ ज्योति कुमारी झा, एसडीपीओ जितेंद्र कुमार सिंह सहित पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी सड़क पर उतरकर शांति व्यवस्था कायम करने में जुटे रहे।
इधर इस घटना के बाद पुलिस उपमहानिरीक्षक एबी होमकर लोहरदगा पहुंचकर स्थित पर नजर रख रहे हैं। लोहरदगा जिले के अलग-अलग स्थानों के अलावा दूसरे जिलों से भी अतिरिक्त पुलिस बल मंगा लिया गया है। सीआरपीएफ के जवानों को भी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात कर दिया गया।
स्कूल में फंसे रहे विद्यार्थी
इस दौरान कई स्कूलों में विद्यार्थी काफी देर तक फंसे रहे। बाद में पुलिस-प्रशासन के निर्देश पर बच्चों को सुरक्षित उनके घरों तक अभिभावकों के माध्यम से पहुंचाया गया।
शहर में तनावपूर्ण स्थिति के लिए भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है। जब अन्य स्थानों पर लोग शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं तो भड़काऊ नारेबाजी करते हुए लोगों को क्यों उकसाया गया।
पूरी घटना को योजनाबद्ध रूप से अंजाम दिया गया है। जुलूस निकालने की सूचना पहले ही प्रशासन को देकर अनुमति ली गई थी। ऐसे में यदि पथराव, आगजनी, मारपीट की घटना हुई है तो इसके लिए जिम्मेवार लोगों को चिह्नित किया जाना चाहिए।