सात वर्ष के बाद रजिस्ट्री विभाग जिले का सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। विभाग ने जिले के सभी छह सब रजिस्ट्रार को सर्वे करने के निर्देश दे दिए हैं। 31 जनवरी तक ये रिपोर्ट सौंपी जानी है। इसके बाद विभाग जिलाधिकारी को 15-20 फीसद सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजेगा। पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और उससे पहले नोएडा प्राधिकरण की ओर से बढ़ाए गए सर्किल रेट के बाद अब विभाग भी रेट बढ़ाने के लिए तैयार है।
वर्ष 2012-13 में जिले में रियल एस्टेट बाजार बुलंदियों पर था ऐसे में रजिस्ट्री विभाग की ओर से भी करीब 10 फीसद सर्किल रेट बढ़ा दिया गया था। उसी दौरान उत्तर प्रदेश स्टांप नियामावली 1997 के नियम-4 को संशोधित कर दो वर्ष के अंतराल में होने वाले सर्किल रेट के मूल्यांकन कि अवधि को एक वर्ष कर दिया गया। लेकिन 2013 से ही रियल एस्टेट का बाजार भाव गिरने लगा जिसके बाद से जिले में सर्किल रेट नहीं बढ़ सका।
रियल एस्टेट सेक्टर पर सरकार की नजर
रियल एस्टेट मार्केट को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार तक प्रयास हो रहे हैं। बावजूद इसके रियल एस्टेट मार्केट में गर्माहट नहीं आ पा रही है। बाजार की अनदेखी करते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण संपत्ति दरों में बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। आगामी बोर्ड बैठक में एक बार फिर इस प्रस्ताव को रखा जा सकता है। बोर्ड पूर्व में इस प्रस्ताव को वापस कर चुका है।
पांच से मंदी से गुजर रहा रियल एस्टेट सेक्टर
कुछ साल पहले तक ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी की जबरदस्त मांग थी। प्रॉपर्टी की कीमत रातोंरात आसमान छू रही थीं। बाजार का फायदा उठाते हुए बिल्डरों में एक के बाद एक परियोजनाएं लांच की और फ्लैट की बुकिंग कर करोड़ों रुपये कमा डाले। प्राधिकरण की योजनाएं भी सफल रही, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। रियल एस्टेट मार्केट पूरी तरह से ठंडा है। प्राधिकरण की एक के बाद एक योजनाएं असफल हो रही हैं। निर्मित आवासों को बेचने के लिए प्राधिकरण के प्रयास नाकाम हो चुके हैं। संपत्ति की खरीद फरोख्त न होने से निबंधन विभाग को राजस्व लक्ष्य पूरा करने में पसीने छूट रहे हैं। ऐसे हालात में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण संपत्ति दरों में बढ़ोतरी की योजना बना रहा है। इसके लिए प्राधिकरण ने अलग-अलग श्रेणी बनाकर दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे 24 जनवरी को होने जा रही बोर्ड बैठक में रखा जा सकता है। जबकि बोर्ड पूर्व में भी ऐसे प्रस्ताव को वापस कर चुका है। पिछली बोर्ड बैठक में श्रेणी के आधार पर संपत्ति की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन बोर्ड ने यह कहते हुए वापस कर दिया था कि संपत्ति दरों का नए सिरे से आकलन करते हुए तर्क संगत बनाया जाए।
यमुना प्राधिकरण में दरें बढ़ने की उम्मीद कम
नए वित्त वर्ष में यमुना प्राधिकरण की संपत्ति दरें बढ़ने की उम्मीद कम है। हालांकि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद प्राधिकरण की कई योजनाएं पूरी तरह से सफल रही हैं। आवेदकों ने एक मुश्त का विकल्प देकर संपत्ति ली है। इसके बावजूद प्राधिकरण संपत्ति दरों को यथावत रख सकता है।
शिव कुमार त्रिपाठी (एआइजी स्टांप) के मुताबिक, पिछले दिनों केंद्र सरकार की ओर से करीब 10 हजार करोड़ दिल्ली एनसीआर को मिलेगा। 2021 के अंत तक 2.5 लाख फ्लैटों का निर्माण पूरा हो जाएगा। इस उम्मीद से विभाग भी रेट बढ़ाने को कमर कस रहा है। जिले के सभी सब रजिस्ट्रार को सर्वे के लिए निर्देश दे दिया गया है। 31 जनवरी तक रिपोर्ट आ जाएगी। 20 फीसद तक सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा जाएगा।