Jammu And Kashmir Politics: जम्मू-कश्मीर में पांच और नेता नजरबंदी से रिहा

Article 370. जम्मू-कश्मीर में वीरवार को पांच और नेताओं को नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि घाटी में सुधरते हालात व राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए प्रदेश प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार एमएलए हॉस्टल में रखे राजनीतिक बंदियों की एक बांड के आधार पर रिहाई की प्रक्रिया शुरू की थी। सबजेल से पांच पूर्व विधायकों और एमएलसी को रिहा किया गया है। इससे पहले भी कुछ नेताओं को रिहा किया जा चुका है। ऐसे में अब केवल 24 नेता ही सबजेल में एहतियातन बंद हैं।

लोन, शाह फैसल की रिहाई पर अभी विचार नहीं

पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पूर्व नौकरशाह शाह फैसल, पीडीपी नेता नईम अख्तर, वहीद-उर-रहमान पारा और नेकां महासचिव अली मुहम्मद सागर को फिलहाल रिहा करने की कोई योजना नहीं है। इन नेताओं से कई बार प्रशासन ने रिहाई के लिए बांड भरने को कह चुका है, लेकिन इन्होंने सशर्त रिहाई से इन्कार किया है। ऐसे में इन्हें श्रीनगर के किसी सरकारी गेस्ट हाऊस में स्थानांतरित किया जाएगा। इनके अलावा तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की मार्च से पहले रिहाई की संभावना कम ही दिखाई दे रही है।

पीडीपी के दो नेताओं की नजरबंदी हटी

प्रशासन ने वीरवार को दक्षिण कश्मीर से संबध रखने वाले पीडीपी के दो वरिष्ठ नेताओं रफी अहमद मीर और अब्दुल मजीद पडर को नजरबंदी से मुक्त कर दिया। रफी मीर पहलगाम के विधायक रह चुके हैं और पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता हैं, जबकि अब्दुल मजीद पडर पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि दो और वरिष्ठ नेताओं पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चेयरमैन हकीम मोहम्मद यासीन और पीडीपी के पूर्व विधायक मोहम्मद अशरफ मीर की नजरबंदी शुक्रवार को समाप्त करने पर विचार चल रहा है। इसी बीच, सबजेल एमएलए हॉस्टल में बंद तीन नेताओं नेकां के बशीर अहमद वीरी और अली मोहम्मद डार के अलावा पीडीपी के मोहम्मद युसुफ बट को स्वास्थ्य खराब होने पर एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया। जहां स्वास्थ्य जांच के बाद फिर से सबजेल में ले जाया गया।

पांच अगस्त से एहतियातन हिरासत में हैं नेता

पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भाजपा नेताओं को छोड़ अलगाववादियों सहित सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर सेंटूर होटल में रखा गया था। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग जगह रखा गया है। फारूक फिलहाल, पीएसए के तहत नजरबंद हैं।

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