देश की सबसे बड़ी ऑयल फर्म इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के चेयरमैन संजीव सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के लिए बोली लगाने का निर्णय तभी लेगी जब सरकार हिस्सेदारी की बिक्री के लिए नियम (निविदा नियम) बना लेती है।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने देश की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी BPCL में सरकार की पूरी 53.29 फीसद हिस्सेदारी बेचने का निर्णय 21 नवंबर 2019 को लिया था। हालांकि, इसके लिए अभी टेंडर जारी नहीं किया गया है।
IOC के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा, ‘BPCL की हिस्सेदारी की बिक्री को लेकर टेंडर (अभिरुचि पत्र/EoI) अभी जारी नहीं हुआ है। अभी हमें शर्तों की जानकारी भी नहीं है। अभी हमें यह भी नहीं पता है कि इसके लिए कोई सरकारी कंपनी बोली लगा सकती है या नहीं।’ उन्होंने कहा कि जबतक हम EoI की शर्तें नहीं देख लेते हैं तबतक मैं इस बात पर टिप्पणी नहीं कर सकता कि BPCL के लिए IOC बोली लगाएगी या नहीं।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में तभी कोई निर्णय लिया जा सकता है जब बोली की प्रक्रिया स्पष्ट हो जाती है। कैबिनेट के निर्णय के तुरंत बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बात के संकेत दिए थे कि BPCL की हिस्सेदारी की बिक्री की प्रक्रिया से सरकारी कंपनियों को दूर रखा जा सकता है।
22 नवंबर 2019 को प्रधान ने कहा था कि हमारा विजन स्पष्ट है कि सरकार का इस तरह के काम में बने रहने की जरूरत नहीं है। हमारे पार 2-3 सेक्टर्स के उदाहरण हैं, जैसे कि टेलीकॉम और एविएशन जहां निजी प्रतिभागिता से कीमतों में कटौती, सक्षमता और बेहतर सेवाओं जैसे लाभ ग्राहकों को मिले हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या IOC से यह कहा गया है कि PSU बोली लगाने की प्रक्रिया से बाहर रखी जाएंगी, सिंह ने कहा कि इस बारे में कोई सूचना नहीं है कि सरकारी कंपनियां बोली लगा सकती हैं या नहीं।