दान-पुण्य का महापर्व मकर संक्रांति बुधवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। कड़ाके की ठंड को दरकिनार करते हुए पटना के गंगा घाटों में सुबह से ही श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। कृष्णा घाट, एनआइटी घाट, एलसीटी घाट, काली घाट, कलेक्ट्रेट घाट, पहलेजा घाट दीघा घाट आदि में श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। साथ ही मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना के साथ तिल से बनी वस्तुओं का दान किया जा रहा है।
खिचड़ी दान करने का महत्व
बुधवार को सूर्योदय से ही संक्रांति का पर्व आरंभ हो गया है। संक्रांति पर सुबह 7:19 से 12:31 तक दान-पुण्य के लिए सही समय निर्धारित किया गया है। आज के दिन तिल से निर्मित वस्तु के साथ खिचड़ी का दान करने का विशेष महत्व है। वहीं संक्रांति के बाद सभी मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है।
दान-पुण्य के साथ कर रहे पूजा
संक्रांति के दिन भगवान सूर्य का राशि परिवर्तन होगा। सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात के तौर पर माना जाता है। पंडित राकेश झा ने कहा कि बुधवार को भगवान सूर्य 7:52 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। बुधवार को शोभन योग में मकर संक्रांति का पर्व लोग मनाएंगे। लोग संक्रांति पर गंगा स्नान करने के साथ दान-पुण्य करने के साथ मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
आसमान में दिख रही पतंग
मकर संक्रांति के मौके पर शहरवासी पतंगों की डोर से आसमान को नापते नजर आ रहे हैं। पर्व के खास मौके को देखते हुए मंगलवार को शहर के अलग-अलग हिस्सों में पतंग की दुकानों पर खूब रौनक रही। लोगों ने काटरून कैरेक्टर और क्रिकेटरों की तस्वीरों वाली पतंगों को खरीदने में तवज्जो दी। बाजार में मोटू-पतलु और डोरिमोन की तस्वीरों वाली पतंगों को पसंद किया। मांझा डोर और लटाई के साथ इन पतंगों की कीमत 100 रुपये तक रही। हालांकि बाजार में इससे ज्यादा कीमत की पतंगें भी बिकीं। कदमकुआं में अपनी दुकान चलाने वाले रवि कुमार ने बताया कि पहले की अपेक्षा पतंग की मांग कम रही। प्लेन और प्लास्टिक वाली पतंग की मांग दिखी।