देश की सेना में हर 100वां सैनिक उत्तराखंड का है। किसी भी सेना का जिक्र होता है तो उसमें कम जनसंख्या घनत्व वाले उत्तराखंड का नाम गौरव से लिया जाता है। आजादी से पहले हो या बाद में, उत्तराखंड का नाम हमेशा सेना के गौरव से जुड़ा रहा है। आलम यह है कि हर साल उत्तराखंड के करीब नौ हजार युवा सेना में शामिल होते हैं।
राज्य में 1,69,519 पूर्व सैनिकों के साथ ही करीब 72 हजार सेवारत सैनिक हैं। वर्ष 1948 के कबायली हमले से लेकर कारगिल युद्ध और इसके बाद आतंकवादियों के खिलाफ चले अभियान में उत्तराखंड के सैनिकों की अहम भूमिका रही है। खास बात यह है कि उत्तराखंड के युवा अंग्रेजी हुकूमत में भी पहली पसंद में रहते थे।
अंग्रेजों ने उत्तराखंडी सैनिकों को नेतृत्व के लिए बेहतर पाया था। भारतीय को प्रशिक्षण देने की नींव वर्ष 1922 में देहरादून में रखी गई थी। प्रिंस ऑफ वेल्स राय मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) देहरादून में खोला गया। वर्ष 1932 में आईएमए की शुरुआत हुई। गढ़वाली, कुमाऊं, गोरखा और नागाओं को प्रशिक्षण देने के लिए पर्वतीय हिस्से को चुना गया।
इसलिए मनाते हैं सेना दिवस
सेना दिवस, प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उन्होंने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था।
यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है, जिन्होंने अपने देश और लोगों की सलामती के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।
शौर्य स्थल के निर्माण को जल्द चयनित होगी भूमि – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने देहरादून में शौर्य स्थल बनाने के लिए जल्द भूमि चयनित करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सचिवालय में शौर्य स्थल की स्थापना के संबंध में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में भव्य शौर्य स्थल बनाया जाएगा। जिसमें प्रदेश के वीर जवानों की वीरता की झलक देखने को मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने राजस्व, सैनिक कल्याण और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शौर्य स्थल के लिए जल्द स्थान चयनित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन विभाग स्थान चयन की रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करें। शौर्य धाम के लिए चयनित जगह पर वाहनों की पार्किंग व्यवस्था अलग से की जाएगी।
बैठक में मेयर सुनील उनियाल गामा, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव सुशील कुमार, अपर सचिव विनोद कुमार सुमन, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय और निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर केवी चंद (रि) मौजूद रहे।