पीजीआईएमएस रोहतक 2020 में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत कैंसर रोगियों के लिए वरदान बनने जा रहा है। यहां कैंसर रोगियों के लिए कुल 150 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। इसमें मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की ओर से 125 करोड़ रुपये मिलेंगे और इसमें राज्य सरकार को 25 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
इसके बाद यहां के न्यूक्लीयर मेडिसन विभाग में पैट स्कैन, रेडियोथैरेपी विभाग में लीनियर एक्सेलेटर व मॉड्यूलर आपरेशन थियेटर के माध्यम से कैंसर रोगियों का आधुनिक तरीके से सही उपचार हो सकेगा। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार के साथ संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी और संबंधित विभाग के अधिकारी अपनी-अपनी तैयारियां जोर शोर से कर रहे हैं।
न्यूक्लीयर मेडिसन विभाग : पैट स्कैन खरीदने की तैयारी में
न्यूक्लीयर मेडिसन विभाग पैट स्कैन खरीदने की तैयारी में है और इसकी डिमांड प्रशासन को दे दी है। इसके माध्यम से मरीज को कैंसर कहां है और शरीर के किस-किस हिस्से में फैला है, पता लगाया जा सकता है। इसकी जांच के बाद उपचार करने और बाद में फिर जांच कर पता लगाया जा सकता है कि मरीज की स्थिति क्या है।
पैट स्कैन में बोन स्कैन, रिनल स्कैन (किडनी), थायराइड स्कैन, दिल के लिए स्ट्रैश थेलियम स्कैन आदि शामिल हैं। गौरतलब है कि पैट स्कैन के लिए एचएलएल से प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिंग हो चुकी है, इसमें पीजीआईएमआर चंडीगढ़ की राय भी ली जा रही है।
क्या है पैट स्कैन
मरीज को इंजेक्शन के माध्यम से शरीर में रेडियो एक्टिव मैटेरियल दिया जाता है। यह रक्त के माध्यम से शरीर के सभी हिस्सों में जाता है और इससे कैंसर के सैल चिपक जाते हैं। इससे कैंसर का पता कर आपरेशन की जगह का पता चल जाता है और उपचार के बाद मरीज की स्थिति को आसानी से जांचा जा सकता है। मरीज को फालोअप पर रखकर इसके माध्यम से देखा जा सकता है कि कहीं कैंसर दुबारा तो नहीं पनप रहा है।
विभाग की स्थिति
1995 से संचालित हो रहा न्यूक्लीयिर मेडिसन विभाग अब तक भले ही गुमनाम रहा हो, लेकिन अब डॉ. रोहित कुमार ने प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से इस विभाग में जान डालने का काम किया है। यहां एक प्रोफेसर, एक अस्सिटेंट प्रोफेसर, दो सीनियर रेजिडेंट व अन्य स्टाफ मंजूर हैं। डॉ. रोहित 2018 से विभाग में काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि संस्थान में आने वाले मरीज पैट स्कैन के लिए दिल्ली व चंडीगढ़ जाने को मजबूर हैं। इसमें 25 हजार रुपये तक का खर्च आता है। जबकि सरकारी संस्थान में इसका खर्च सात हजार रुपये तक आता है। अब विभाग की ओर से कैंसर के मरीजों के लिए पैट स्कैन की डिमांड भेजी गई है।
रेडियोथैरेपी विभाग
रेडियोथैरेपी विभाग में लीनियर एक्सेलेटर स्थापित होने जा रही है। इसके लिए बंकर बनाने का काम जल्द शुरू होने वाला है। अनुमान है कि दो से तीन माह में यहां काम शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि अब तक इस विभाग में कैंसर के रोगियों को एक चिन्हित स्थान पर सेंक लगाते थे। लेकिन किरणें आसपास जाती थी और मरीज को साइड इफेक्ट झेलना पड़ता था। जबकि अब लीनियर एक्सेलेटर से सटीक स्थान पर उपचार होगा। इससे आसपास का एरिया डैमेज नहीं होगा। अभी यहां रेडियोओंकोलॉजी विभाग इस पर काम कर रहा है। इस विभाग के लिए प्रशासन ने 36 नई पोस्ट मंजूर कर रखी हैं।
मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर
संस्थान में 16 ऑपरेशन टेबलों से लैस मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर तैयार है। इसके लिए संस्थान को चंडीगढ़ से दमकल विभाग की एनओसी लेनी है और यहां काम शुरू हो जाएगा। माना जा रहा है कि इसमें एक से डेढ़ माह का समय लगेगा। यहां 32 आईसीयू और तीन ऑपरेशन थियेटर सीधा लेक्चर थियेटर से जुडे़ होंगे।
यहां होने वाले ऑपरेशनों को मेडिकल छात्र लाइव देख सकेंगे। अभी तक संस्थान में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही यहां एनेस्थिसिया विभाग को विशेष जगह मिलेगी। क्योंकि इस विभाग की भारी भरकम टीम ऑपरेशन थियेटर में काम करती है। यहां आर्गन ट्रांसप्लांट की दो खास टेबल तय की गई हैं।
कैंसर रोगियों के उपचार के लिए संस्थान में बहुत बडे़ प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। जल्द ही यहां आने वाले कैंसर रोगियों को आधुनिक तकनीक से उपचार मिलेगा। प्रदेश में जिस प्रकार कैंसर के रोगियों का इजाफा हो रहा है, उससे यह प्रोजेक्ट आवश्यक हो गया है। केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।