हिमाचल प्रदेश में शिमला बाईपास और परवाणू-सोलन फोरलेन परियोजना के लटकने पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सख्त नाराजगी जताई है। गडकरी ने बैठक के बीच ही प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से फोन पर बात कर जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई करने को कहा, जबकि एनएचएआई के चेयरमैन को परियोजना से जुड़े अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया। गडकरी ने इन दोनों परियोजनाओं के लिए तीन महीनों में नया टेंडर जारी करने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने एनएचएआई, परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों, मुख्यमंत्री प्रधान सचिव संजय कुंडू के अलावा राज्य के कुछ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसी दौरान गडकरी दोनों परियोजनाओं के लटकने से बेहद खफा हो गए। सूत्रों ने बताया, गडकरी ने एनएसएआई चेयरमैन से पूछा कि जमीन अधिग्रहण, पेड़ कटाई सहित अन्य औपचारिकता पूरी किए बिना परियोजना पर काम करने की अनुमति कैसे दे दी गई? इसी दौरान गडकरी ने राज्य के सीएम से फोन पर बात की।
गडकरी ने एनएचएआई के चेयरमैन से कहा कि वह तीन महीने के अंदर परियोजना के बाकी बचे काम को पूरा करने के लिए नया टेंडर जारी कर काम शुरू कराएं। दरअसल परवाणू-सोलन फोरलने परियोजना के तहत 39 किमी सड़क बननी थी, मगर जमीन अधिग्रहण सहित कई अन्य समस्याओं के कारण इसका बीस फीसदी कार्य पूरा नहीं हो पाया है। कैथलीघाट से शिमला बाईपास तक चार लेन की सड़क के साथ तीन सुरंगें बननी थीं। इस परियोजना का बजट 1500 करोड़ का है। इसे इसी साल हर हाल में पूरा किया जाना था।