नई दिल्ली . जेएनयू में हुई हिंसा के मामले में पुलिस को शक है ज्यादातर नकाबपोश हमलावर कैंपस के अंदर ही मौजूद हैं। कोई बाहर न जा सके इसे देखते हुए विश्वविद्यालय में अंदर बाहर जाने वाले चारों गेटों पर पुलिस का कड़ा पहरा है। कैंपस की सिक्यूरिटी को पुलिस ने कड़ी हिदायत दी है कि हर किसी के अंदर बाहर जाने पर उसके बारे में पूरी जानकारी ली जाए। मामले की जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने कहा जल्दी इस केस में हमलावरों की पहचान कर ली जाएगी। जांच उसी दिशा में आगे बढ़ रही है।
जहां तक बाहर से आए हमलावरों की बात है, इसका पता रविवार को हिंसा के वक्त एक्टिव फोन नंबरों के जरिए लगाने की कोशिश जारी है। जो फोन नंबर का डम्प डाटा उठाया गया है, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी ने कहा उनके पास मामले में कई क्लू हैं, लेकिन अभी उस हमलावर पर हाथ डालने से पहले उसके खिलाफ प्रर्याप्त सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं। बुधवार को आइशी घोष से मिलने के लिए डीएमके सांसद कनिमोझी कैंपस पहुंची थी। इसके अलावा कांग्रेस द्वारा फैक्ट्स फाइंडिंग कमेटी की एक टीम ने वहां पहुंच घायल छात्रों से बात की। सूत्रो के अनुसार कुछ नकाबपोशों की पहचान कर ली गई है। लेकिन इनके नाम उजागर नहीं किए हैं।
आइशी: किसी ने लाठी मारी तो कोई रॉड से हमला करता रहा
पांच जनवरी की शाम हिंसा में आइशी गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी, जिसे लेकर यह कंप्लेंट दी गई। इस शिकायत में कहा गया है भीड़ ने उन पर हमला किया, डराया और हत्या की साजिश के तहत वारदात की। उसने वारदात में शामिल आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। आइशी ने कहा घटना के दिन विश्वविद्यालय परिसर के छात्रों से उन्हें सूचना मिली थी कि एबीवीपी से जुड़े कुछ छात्र अज्ञात लोगों के साथ रॉड, लाठी और हथौड़े जैसे हथिया लेकर गंगा बस स्टॉप के पास एकत्रित हैं। इसके बाद उसे और निखिल मैथ्यू नाम के छात्र को नकाबपोशों की भीड़ ने घेर लिया। उसे रेस्त्रां के पास बीस तीस लोगों की भीड़ ने कार के पीछे खींच लिया और छात्रों से हमला कर दिया। उन पर कई बार वार किए गए। किसी ने लात मारी तो कोई रॉड से लगातार हमला करता रहा, जिस कारण वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई।
पुलिस:हिंसक घटना में दोनों ही गुटों के छात्रों का रोल
पुलिस की तहकीकात उन तीन वाट्सएप ग्रुप पर भी केंद्रित हैं, जिसमें एबीवीपी के कुछ पदाधिकारी, जेएनयू के चीफ प्रॉक्टर, डीयू के एक शिक्षक और दो रिसर्च स्कॉलर शामिल हैं। इन लोगों की भूमिका को भी वेरिफाई किया जा रहा है। पुलिस का मानना है इस हिंसक घटना में दोनों ही गुटों के छात्रों का रोल सामने आ रहा है। जेएनयू कैंपस के अंदर बाहर पुलिस बड़ी संख्या में मौजूद है। सादी वर्दी में भी पुलिस को अंदर तैनात किया गया है। आइशी घोष से पुलिस ने कहा कि तीन दिन में अपना पक्ष रखें। वहीं पुलिस ने कुछ लोगों को बयान भी दर्ज किए हैं। बुधवार को पुलिस ने लोगों से सबूत मांगे थे लेकिन कुछ नहीं मिला।
कुलपति बोले: अब स्थिति शांतिपूर्ण है
पिछले डेढ़ माह से अधिक समय से फीस वृद्धि आंदोलन के बाद नकाबपोशों के हमले के कारण विवादों में घिरे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदीश कुमार और रेक्टर(2) प्रोफेसर सतीश चंद्र गरकोटी ने बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे से मुलाकात की और उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में स्थिति शांतिपूर्ण है।कुमार ने खरे को यह भी बताया कि शीतकालीन सेमेस्टर के पंजीकरण के लिए संचार व्यवस्था बहाल कर दी गई है और अब पंजीकरण की तारीख 12 रिपीट 12 जनवरी कर दी गई है। अब तक 3300 छात्रों ने ऑनलाइन पंजीकरण करा लिया है और अपनी फीस जमा कर दी है। गौरतलब है कि संचार व्यवस्था के तार काटे जाने और सर्वर को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद पंजीकरण प्रक्रिया ठप पड़ गई थी और कई छात्र अपना पंजीकरण नहीं करा सके थे जिसके कारण उनमें गहरा असंतोष था, जबकि वामपंथी छात्र ऑनलाइन पंजीकरण का विरोध कर रहे थे।
इधर, सीलमपुर हिंसा मामले में हिस्ट्रीशीटर समेत दो गिरफ्तार
नागरिकता कानून के विरोध में सीलमपुर इलाके में हुई उपद्रव की घटना में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान सीलमपुर निवासी शहजाद व गौतमपुरी निवासी नूर मोहम्मद है। इनमें एक आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड बताया गया है। मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने इन दोनों की पहचान सीसीअीवी कैमरे की मदद से की, जिसके बाद उन्हें पकड़ा गया। पुलिस ने बुधवार को दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस का कहना है जिस जिस आरोपी की पहचान होती जाएगी, उन्हें गिरफ्तार किया जाता रहेगा। पुलिस ने बताया आरोपियों में शहजाद सीलमपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। पिछले काफी दिनों से मामले की जांच कर रही पुलिस सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने में लगी थी, जिसमें इन दोनों की पहचान होने के बाद उन्हें मंगलवार को पकड़ लिया गया।
जेएनयू छात्र संघ और जेएनयू टीचर एसोसिएशन ने निकाला मार्च
जेएनयू हिंसा, जेएनयू हॉस्टल फीस वृद्धि और जेएनयू वाइस चांसलर को हटाए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को जेएनयू छात्र संघ और जेएनयू टीचर एसोसिएशन ने मंडी हाउस से मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक 12 बजे मार्च निकालने का ऐलान किया है। बुधवार को भी पूरे दिन कैंपस में विरोध जारी रहा। छात्र संघ ने ट्वीटर पर #रिमूवजेएनयूवीसी चलाया। छात्र संघ ने जब तक वाइस चांसलर इस्तीफा नहीं देते तब तक अगले सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन का बहिष्कार करेंगे। कैंपस में छात्र और शिक्षकों ने मार्च भी निकाला। जेएनयू छात्रों पर हुए हमले के विरोध और छात्रों के समर्थन में बुधवार को डीयू में तमाम छात्र संगठनों ने सेंट स्टीफेंस से डीयू के विवेकानंद मूर्ति तक मार्च निकाला। इसमें केवाईएस छात्र संगठन के अलावा एनएसयूआई और अलग-अलग लेफ्ट छात्र संगठन से जुड़े छात्र शामिल हुए। यहां ‘आजादी’ के नारे भी गूंजे।
स्टीफन्स कॉलेज में क्लास का बहिष्कार
डीयू के सेंट स्टीफन्स कॉलेज के छात्रों ने जेएनयू हिंसा के खिलाफ क्लास का बहिष्कार करने के साथ कैंपस में संविधान का प्रस्तावना पढ़ी। कॉलेज एल्यूमनाई और छात्रों ने इसका वीडियो और फोटो ट्वीट किया। छात्रों ने जेएनयू छात्रों के समर्थन में नारे भी लगाए। इस विरोध में जेएनयू छात्रों के समर्थन के अलावा नागरिकता कानून और एनपीआर रजिस्टर के विरोध से भी जोड़ा गया। यह पहला मौका है जब सेंट स्टीफंस काॅलेज के छात्रों ने किसी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग टीम पहुंची
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से जेएनयू मामले पर गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बुधवार को महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव की अगुवाई में टीम के साथ कैंपस पहुंची। टीम ने घायल छात्रों, शिक्षक संघ, छात्र संघ की घायल अध्यक्ष आइशी घोष से मुलाकात करके हालात जानने की कोशिश की। हिंदू कॉलेज ने जेएनयू छात्रों के साथ सहानुभूति में 9-10 जनवरी को होने वाला लिटरेचर फेस्ट मुशायरा टाल दिया है। कॉलेज प्राइम मिनिस्टर आशीष कुमार ने पत्रकारों को बताया कि छात्र प्रतिनिधियों के साथ बैठक में चर्चा करके कार्यक्रम टाला गया है।