जमशेदपुर. धातकीडीह हरिजन बस्ती निवासी दुष्कर्म पीड़िता 13 साल की नाबालिग ने 3 जनवरी को एमजीएम अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपी को कठोर सजा दिलवाने के लिए पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में डीएनए टेस्ट कराने की अर्जी दी। एडीजे चार की अदालत ने अर्जी मंजूर कर ली है। अब पुलिस पीड़िता, उसके नवजात और जेल में बंद आराेपी तीन बच्चों के पिता विनोद मुखी का डीएनए टेस्ट कराएगी।
बिष्टुपुर थाना पुलिस कोर्ट की अनुमति के बाद मंगलवार को तीनों के खून की सैंपलिंग कराएगी। सैंपल को जांच के लिए एफएसएल, रांची भेजा जाएगा। इसके बाद ही बच्चे के असली पिता का पता चल पाएगा। बिष्टुपुर थानेदार राजेश प्रकाश सिन्हा ने बताया कि नाबालिग के माता-पिता ने गर्भपात कराने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी गई थी। जांच में पता चला कि उसके पेट में चार माह से अधिक का गर्भ है। इसलिए गर्भपात की अनुमति नहीं मिली।
15 सिंतबर 2019 को बिष्टुपुर थाना में दी गई थी लिखित शिकायत
धातकीडीह हरिजन बस्ती में नाबालिग का याैन शाेषण कर उसके पड़ोसी तीन बच्चाें के पिता विनोद मुखी ने गर्भवती बना दिया। पिछले साल 14 सितंबर को अचानक बच्ची की तबीयत खराब हाे गई। इसके बाद माता-पिता को उसके गर्भवती होने की जानकारी मिली। पूछने पर बच्ची ने माता-पिता को सबकुछ बता दिया। उसने कहा कि विनोद मुखी ने उसकी यह हालत बनाई है। अगले दिन 15 सितंबर को बच्ची के परिजनों ने बिष्टुपुर थाने में इसकी लिखित शिकायत की। पुलिस ने विनोद मुखी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी विनोद मुखी की सबसे बड़ी बेटी दस साल की है।