नौवीं पास संजय कुमार ने ठगी से लेकर डकैती का पूरा चक्रव्यूह तैयार किया था। संजय के करीबियों के अलावा मोटे कमीशन के लालच में जुड़े लोग पूरी साजिश से अंजान थे। पुलिस का भी गुडलक रहा कि घटना होने से पहले गैंग हत्थे चढ़ गया।
सहारनपुर के शाहपुर निवासी संजय कुमार काफी समय से मोटा हाथ मारने की फिराक में था। दरअसल संजय लाखों रुपये का कर्जदार हो गया था। फिलहाल वह डेरी चलाता था। शातिर संजय ने डेड कंपनी के अकाउंट में फंसे पांच करोड़ रुपये का लालच देकर ढाई करोड़ लूटने की पूरी साजिश रची थी।
संजय ने पहले अपने चाचा के लड़के रवि और रिश्ते में भांजे अनुज उर्फ शिवम को अपनी योजना का हिस्सा बनाया। देनदारी होने के कारण दोनों भी बड़ा हाथ मारने की योजना का हिस्सा बन गए। रवि पहले देहरादून में डिलीवरी ब्वाय का काम कर चुका था। इसके बाद रेता-बजरी डालने वाले फरमान को कमीशन का लालच देकर अपने साथ जोड़ा गया। इसी तरह पूरन आहूजा आदि को जोड़कर पूरा गैंग तैयार किया।
गैंग ने पहले सहारनपुर में घटना अंजाम देने की कोशिश की
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि गैंग ने पहले सहारनपुर में घटना अंजाम देने की कोशिश की थी, लेकिन दूसरा पक्ष रकम लेकर नहीं आया। पहला प्रयास विफल हुआ तो रवि ने उत्तराखंड में शिकार ढूंढने की सलाह दी।
काफी दिनों से गैंग देहरादून और ऋषिकेश में शिकार की तलाश में जुटा था। आखिरकार गैंग के जाल में एक-एक कर दो शिकार फंस गए। यह बात अलग है कि गैंग घटना को अंजाम देने में कामयाब नहीं रहा। किस्मत ने पुलिस का साथ दिया और पूरा गैंग कानून की गिरफ्त में आ गया।
रवि ने उपलब्ध कराए थे हथियार
डकैती को अंजाम देने के लिए हथियार रवि ने उपलब्ध कराए थे। पुलिस ने इनके पास से पिस्टल, तमंचा, खुखरी आदि बरामद किए हैं। एसपी श्वेता चौबे ने बताया कि रवि का कहना है कि पिस्टल और तमंचा उसका एक परिचित एक मामले में फरारी के दौरान उसके पास छोड़ गया था। दुराचार के आरोप में सजा होने के कारण इस्माइलपुर का यह आरोपी फिलहाल जेल में है।
पीएसी कैंप के सामने चलता है चाय की दुकान
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि घटना में प्रयुक्त कार पूरन आहूजा की बताई गई है। आहूजा पहले ठेकेदारी करता था। अब 40वीं पीएसी कंपनी के बाहर चाय की दुकान चलाता है। पूरन भी इसी साजिश में बराबर का हिस्सेदार था। चाय की दुकान से ही पूरन लगातार गैंग के संपर्क में रहा।
बाइक पर लगाई फर्जी नंबर प्लेट
बदमाशों के पास से बरामद हुई बाइक का नंबर फर्जी पाया गया है। पुलिस के मुताबिक बदमाशों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए बाइक पर दूसरे मॉडल की बाइक के नंबर का प्रयोग किया था। इस मामले में अलग से मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
दोनों कारोबारियों से भी होगी पूछताछ
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि झटके में ढाई करोड़ रुपये कमाने के लालच में फंसे गढ़वाल ज्वेलर्स के मालिक और शराब कारोबारी से पूछताछ की जाएगी। उन्हाेंने बताया कि बदमाशाें से पूछताछ में काफी अहम जानकारियां मिली हैं, जिससे कई और चेहरे बेनकाब होने की उम्मीद है।
उन्हाेंने कहा कि दोनों कारोबारियाें ने लालच में फंसकर अपराधियों को न्यौता दिया। कारोबारियों की इस लापरवाही का खामियाजा पुलिस को झेलना पड़ता। जोशी ने कहा कि जिले भर के लोगों से बराबर अनुरोध किया जा रहा है कि लालच में फंसकर खुद को किसी मुसीबत में डालने से बचे, क्योंकि जागरूकता से ही अपराध पर अंकु श लगाया जा सकता है।
आयकर जांच के दायरे में आ सकते हैं कारोबारी
डेढ़ करोड़ रुपये का कैश दिखाने वाला गढ़वाल ज्वेलर्स का मालिक इनकम टैक्स के दायरे में आ सकता है। पुलिस ने सराफ की दुकान के सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया है, जिसमें बदमाशों के आने-जाने की तस्वीरें कैद हैं।
बड़ा सवाल यह है कि आखिर सराफ के पास इतना कैश कहां से आया। डीआईजी का कहना है कि इस मामले में आयकर विभाग को अलग से रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसी तरह शराब कारोबारी को इतनी मोटी रकम को लेकर भी हिसाब देना होगा।