जम्मू कश्मीर की प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था क्या बदली, जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने मुंह का जायका भी बदल लिया है। दोनों अब शाकाहारी हो गए हैं। अपने खाने की आदत बदलने वाले इन पूर्व मुख्यमंत्रियों में नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। उमर अब्दुल्ला न कबाब की इच्छा जताते हैं और न महबूबा को चिकन सूप या गोश्ताबा और रिसता चाहिए।
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू- कश्मीर व लद्दाख में बदल गया। अनुच्छेद 370 समाप्त हो गया और उसके साथ ही केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य में सभी केंद्रीय कानून लागू होने के साथ ही पूरी राजनीतिक व प्रशाासनिक व्यवस्था भी बदल गई। इसी प्रक्रिया के दौरान प्रशासन ने एहतियात के तौर पर राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, माकपा, अवामी इत्तेहाद पार्टी, पीपुल्स कांफ्रेंस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी प्रमुख नेताओं व कार्यकर्त्ताओं को हिरासत में लिया। भाजपा के नेता एहतियातन हिरासत से बचे रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला को कबाब बहुत पसंद हैं। इसके अलावा वह राजमां-चावल और दक्षिण भारत व गुजरात का शाकाहारी खाना भी खूब पसंद करते हैं। पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती को चिकन, चिकन सूप और वाजवान में रिसता व गोश्ताबा, चाइनीज खाना पसंद है।
पांच अगस्त की सुबह से ही अपने घर से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर हरि निवास में एहतियातन हिरासत काट रहे उमर अब्दुल्ला और लालचौक से कुछ ही दूरी पर ट्रांस्पोर्ट लेन में स्थित एक सरकारी गेस्ट हाऊस में हिरासत में रखी गई महबूबा मुफ्ती को जेल मैन्युल के मुताबिक ही खाना मिल रहा है। जेल मैन्युल के मुताबिक, शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही प्रकार का खाना क्रमानुसार प्रदान किया जाता है, दोनों नेताओं ने शुरु में कई दिनों तक इच्छानुसार मांसाहारी खाना लिया। इसके अलावा वह नाश्ते में ब्राऊन ब्रेड, चपाती और फल भी लेते हैं। अलबत्ता, बीते एक माह से दोनों ने हिरासत में एक बार भी मांसाहारी खाना नहीं खाया है। दोनों अब पूरी तरह से शाकाहारी खाना ले रहे हैं।
दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा में तैनात संबधित अधिकारियों ने बताया कि साग, दाल, सब्जी, चपाती और चावल ही दोनों की मुख्य खुराक हैं। इसके अलावा वह फल भी ले रहे हैं। यह खाना बाहर से ही बनकर आ रहा है। इन दोनों नेताओं को जहां रखा गया है, वहां खाना पकाने की इजाजत नहीं है। अलबत्ता, दोनों के लिए चाय व हल्का नाश्ता तैयार करने की सुविधा का प्रावधान रखा गया है। चाय दोनों को जब इच्छा होती है, संबधित कर्मियों को सूचित करते हैं और चाय तैयार हो जाती है। अगर कोई मुलाकात करने के लिए आता है तो उसे भी यह चाय पिला सकते हैं। इनसे मिलने वाले अगर वह निकट संबंधी हैं तो खाना लेकर आ सकते हैं, लेकिन उक्त भोजन की जांच अनिवार्य है।