अहमदाबाद. भास्कर ने 3 जनवरी शुक्रवार को खुलासा किया था कि आयुष्मान भारत योजना में सबसे ज्यादा गड़बड़ी गुजरात में सामने आई है। गुजरात में एक ही परिवार के नाम पर 1700 लोगों के कार्ड बनाए गए हैं। इस योजना के तहत 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सहूलियत मिलती है। आयुष्मान योजना सितंबर 2018 में शुरू की गई थी।
सरकार एक्शन मे
दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ में गड़बड़ी के खुलासे के बाद गुजरात सरकार शुक्रवार को एक्शन में दिखी। सरकार ने कहा कि जालसाजी से बने 15 हजार आयुष्मान कार्ड रद्द कर दिए हैं। हालांकि, अब भी 5 हजार फर्जी कार्ड होने की आशंका है। गुजरात में 33 लाख परिवारों के 1.65 करोड़ लोगों के कार्ड बने हैं।
गुजरात सरकार ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एंटी फ्रॉड स्क्वॉड बनाने का भी एलान किया है। स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव जयंती रवि ने बताया कि केंद्र सरकार की एंटी फ्रॉड यूनिट के प्रतिनिधि गुजरात आए थे। नवंबर 2019 में कच्छ के गांधीधाम और राजकोट में फर्जीवाड़े की शिकायतें दर्ज हुई थीं। इस संबंध में अलग-अलग जिलों में केस भी दर्ज किए गए हैं। जयंती रवि ने साफ किया कि आयुष्मान कार्ड की जालसाजी वाले मामलों में अब फौजदारी का मुकदमा चलेगा।
सिर्फ 500 रु. में बन गए कार्ड
गुजरात सरकार ने बताया कि कॉमन सर्विस सेंटर्स में काम करने वाले अस्थायी मुलाजिमों ने महज 300-500 रु. लेकर बिना जरूरी पड़ताल के कार्ड जारी कर दिए। ऐसे कई मुलाजिमों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। उन पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई दो महीने से चल रही है। जबकि, यह मामला निजी अस्पतालों से भी जुड़ा हुआ है, जिन्होंने इलाज कराकर पैसे क्लैम भी कर लिए हैं। उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी तरह राज्य के किसी जिम्मेदार अफसर के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं हुई है।