सवाल : क्या यह मैन टूट मैन भी फैलता है?
जवाब : छाती की टीबी का संक्रमण और स्वाइन फ्लू व कॉमन फ्लू के वायरस का इंफेक्शन एक से दूसरे इंसान में फैलने का खतरा रहता है।
सवाल : क्या जानवरों से भी इंसान में सांस की बीमारी फैलती है?
जवाब : कुत्ते, बिल्ली, कॉकरोच और चूहे आदि से पैरासाइटिक इंफेक्शन और सांस की एलर्जी होने की संभावना रहती है।
सवाल : सीलन वाले मकान में रहने से क्या सांस की बीमारी होती है?
जवाब : सीलन से फंगल इंफेक्शन की ग्रोथ बढ़ जाती है। इसके कारण सांस रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
सवाल : आमतौर पर किस आयु के लोगों में सांस की बीमारियां होती है?
जवाब : बच्चों और बुजुर्गों में यह रोग होने की ज्यादा संभावना ज्यादा रहती है। बच्चों में दमा, निमोनिया बिगड़ने और बुजुर्गों में ब्रांकाइटिस (सीओपीडी), छाती का कैंसर, निमोनिया (फेफड़ों का संक्रमण) आदि होने का डर रहता है।
सवाल : क्या सांस संबंधी रोगों में टीबी भी शामिल है?
जवाब : हां! इसकी संभावना बहुत ज्यादा है। फेफड़ों में टीबी की संभावना होने लगती है। सांस संबंधी बीमारी से इम्यूनिटी पावर कम होने से कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता क्षीण होने लगती है। इससे टीबी के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। टीबी को लेकर कई भ्रांतियां हैं। इस रोग के बारे में बताने पर कई लोग आज भी बचते हैं। समय रहते अगर टीबी का पता लग जाए तो इसका 100 प्रतिशत इलाज संभव है।
सवाल : टीबी के लक्षण क्या हैं और इसका पता कैसे चलता है?
जवाब : लगातार एक हफ्ते से अधिक खासी हो तो विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाएं। छाती का एक्स-रे, पल्मोनरी फंक्शनल टेस्ट (पीएफटी) और बलगम की जांच जैसी जांचों से इस रोग का पता लग जाता है।
सवाल : सांस के रोगों में इन्हेलर का इस्तेमाल कितना खतरनाक है?
जवाब : यह भी भ्रांति है कि कुछ समय इन्हेलर लेने से इसकी आदत पड़ जाती है। जबकि इस रोग में इन्हेलर सबसे कारगर दवा है। क्योंकि इससे दवा नाक से सीधे सांस में जाती है। मुंह से लेने वाली अन्य दवाओं को अत्यधिक में लेने पर शरीर में साइड इफेक्ट भी हो सकता है। दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी सांस की दिक्कत होने पर डॉक्टर की सलाह से इन्हेलर दिया जा सकता है।
सवाल : सांस रोग की पहचान क्या है?
जवाब : खांसी, बलगम, बुखार एक हफ्ते से ज्यादा हो और सांस फूलना शुरू हो तो समझ लेना चाहिए कि फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया है। सामान्य दवाओं से ठीक न हो रहा हो तो विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं और जरूरी जांच कर डॉक्टर की सलाह पर दवा लें।