पटना. हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की रविवार को किशनगंज में होने वाली रैली से किनारा करते हुए झारखंड में हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने का ऐलान किया है.
औवेसी की रैली से किनारा
औवेसी की रैली में शामिल होने के मांझी के फैसले से बिहार में विपक्षी महागठबंधन की भौहें तन गई थीं क्योंकि उनकी पार्टी कांग्रेस और आरजेडी समेत 5 दलों के महागठबंधन का हिस्सा है. महागठबंधन ने औवेसी की पार्टी को बीजेपी की बी-टीम करार दिया था.
हेमंत सोरेन ने फोन करके मांगा आशीर्वाद
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने शनिवार को कहा कि सोरेन ने उन्हें फोन करके शपथ ग्रहण समारोह में आशीर्वाद देने के लिए कहा है, लिहाजा उन्होंने यह फैसला लिया. सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में एनडीए की विरोधी विभिन्न राजनीतिक हस्तियों के शरीक होने की संभावना है.
मांझी ने कहा, ‘सोरेन का फोन आने के बाद मैंने सोचा कि झारखंड बिहार का पड़ोसी राज्य है और इस समारोह का राजनीतिक महत्व होगा क्योंकि इसमें कई मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. जब सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध की बात आती है तो वे सभी वहीं खड़े हैं जहां मैं खड़ा हूं. लिहाजा, मैंने किशनगंज जाने के बजाय रांची जाने का फैसला लिया है.’
महागठबंधन में विवाद को देखते हुए मांझी ने शपथ ग्रहण में जाने का किया फैसला
हैदराबाद से सांसद औवेसी की रैली में शामिल होने के मांझी के फैसले से महागठबंधन में कड़ा विरोध हुआ था. आरजेडी और कांग्रेस ने औवेसी की पार्टी को बीजेपी की बी टीम करार दिया था. माना जा रहा है कि मांझी ने इस विवाद को शांत करने के लिये यह फैसला लिया.
इससे पहले मांझी शुक्रवार तक किशनगंज जाने पर अडे़ हुए थे क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हर मोर्चे पर संघर्ष करना चाहिए, इस बात की परवाह किए बिना कि इससे संबंधित कार्यक्रमों में कौन शामिल होने वाला है.
रांंची में लालू यादव से मिलने की कोशिश करेंगे मांझी
मांझी ने शनिवार को आरजेडी के खिलाफ अपने लहजे में भी नरमी बरती, जिसके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव से कुछ दिन से उनकी अनबन चल रही है. मांझी ने कहा कि वह रांची में चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने की कोशिश करेंगे|