नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद सोशल मीडिया पर एक अफसर का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह अटपटे बोल बोलते हुए दिख रहे हैं। वीडियो एक मिनट 43 सेकेंड का है।
अफसर के हाथ में डंडा और हेलमेट है। बॉडी प्रोटेक्टर जैकेट पहनकर गली में जाते दिखाई पड़ रहे हैं। वह मोबाइल से वीडियो बनाते हुए गली में वापस मुड़ते हैं। एक समुदाय के लोगों से कहते हैं कि जो हो रहा है वह ठीक नहीं है। इस पर वहां खड़ा एक व्यक्ति कहता है कि जो लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं, वह गलत हैं। इस पर अफसर कहते हैं कि उनको कह दो वह दूसरे मुल्क चले जाएं। कोई गलत बात मंजूर नहीं होगी।
इस दौरान उन्होंने कहा, यह गली मुझे याद हो गई है। जो एक बार याद कर लेता हूं तो उसे भूलता नहीं हूं। एक- एक आदमी को जेल भेज दूंगा। सुन लिया न। इसके बाद वह फोर्स के साथ चले जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि नागरिकता संसोधन कानून के विरोध में मेरठ में 20 दिसंबर को भारी बवाल हुआ था। मेरठ में गोली लगने से पांच युवकों की मौत हो गई थी। उपद्रवियों ने पुलिस की दो दर्जन से ज्यादा गाड़ियों को फूंक दिया था। जमकर पथराव और फायरिंग की गई। जवाबी कार्रवाई में पांच उपद्रवियों की गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि तीन-चार उपद्रवी गोली लगने से घायल हुए थे। इसके तीन सिपाहियों को भी गोली लगी थी। पथराव में डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी और एडीएम सिटी समेत कई पुलिसकर्मी चोटिल हो गए थे।
मेरठ में उपद्रव होने का इनपुट था। जुमे की नमाज को देखते हाई अलर्ट घोषित किया गया था। दोपहर करीब दो बजे कोतवाली स्थित जामा मस्जिद से नमाज के बाद लोगों की भीड़ सीएए के विरोध में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करते हुए बाहर निकली। पुलिस फोर्स ने उनको रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया था। उसके बाद 15-20 उपद्रवी लिसाड़ीगेट चौराहे पर पहुंचकर हंगामा करने लगे। भीड़ बढ़ती गई। जिसके बाद उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग करनी शुरू कर दी थी।