योगी कैबिनेट की अहम बैठक आज, कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मिलेगी हरी झंडी |

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है। नगर निगम प्रयागराज, आगरा व शाहजहांपुर के साथ तीन नगर पालिका परिषद व दो नगर पंचायतों के सीमा विस्तार तथा लखनऊ मेंमोहनलालगंज सहित विभिन्न जिलों में नौ नई नगर पंचायतें बनाने का प्रस्ताव है।

सूत्रों ने बताया कि तीन नगर निगमों के सीमा विस्तार के अलावा अंबेडकर नगर जिले की नगर पालिका जलालपुर, हाथरस की नगर पालिका हाथरस, व महराजगंज जिले की नगर पालिका महराजगंज का सीमा विस्तार प्रस्तावित है।

इसी तरह संतकबीरनगर की नगर पंचायत मेंहदावल व महराजगंज जिले की नगर पंचायत आनंदनगर की सीमा विस्तार का प्रस्ताव है।

नगर विकास विभाग ने सुल्तानपुर में ग्राम लंभुआ, अलीगढ़ में ग्राम मडराक, कुशीनगर में तमकुहीराज, आजमगढ़ में जहांनागंज बाजार, जौनपुर में गौरा बादहशाहपुर, कानपुर देहात में कस्बा राजपुर, महराजगंज में ग्राम पनियरा व ग्राम परतावल तथा लखनऊ में मोहनलालंगज तहसील मुख्यालय कस्बा को नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव किया है। कैबिनेट इन प्रस्तावों को मंजूरी दे सकती है।

एटा व हरदोई में मेडिकल कालेज बनाने का काम बढ़ेगा आगे

प्रदेश में केंद्रीय सहायता के तहत फेज-2 में एटा व हरदोई के जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत मेडिकल कालेज बनाया जाना है। इसके लिए दोनों ही जिला चिकित्सालयों के कुछ निष्प्रयोज्य व जर्जर भवनों को ध्वस्त करने की अनुमति दी जा सकती है।

इसके अलावा गोरखपुर में निर्माणाधीन न्यायालय भवनों में उच्च विशिष्टियों के अंतर्गत फाल सीलिंग व वान पेनलिंग तथा न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान गोमतीनगर में 400 बेड व 200 कक्ष वाले छात्रावास में उच्च विशिष्टियों के अंतर्गत केंद्रीय वातानुकूलन के प्रस्ताव हैं।

इन प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है। इसी तरह बुंदेलखंड क्षेत्र, विंध्य क्षेत्र तथा गुणता प्रभावित गांवों में पेयजल योजना को मंजूरी देने का प्रस्ताव है। श्रम विभाग ने राज्य सेवायोजन अधिकारियों की सेवा नियमावली तैयार की है। इसे भी मंजूरी दी जा सकती है।

मनरेगा श्रमिकों को देरी से मजदूरी में देरी पर मुआवजा देगी योगी सरकार

प्रदेश की योगी सरकार 2.45 करोड़ मनरेगा मजदूरों को बड़ी सौगात देने जा रही है। इसके अंतर्गत मजदूरों को 15 दिन में मजदूरी का भुगतान अनिवार्य रूप से करना होगा। 15 दिन के बाद भुगतान की दशा में मजदूरों को मजदूरी दर का 0.05 प्रतिशत प्रतिदिन के आधार पर मुआवजा देना होगा।

प्रतिपूर्ति रकम की वसूली देरी के लिए उत्तरदायी अधिकारियों व कर्मचारियों  के वेतन व मानदेय से वसूल कर की जाएगी। प्रदेश कैबिनेट इस नई व्यवस्था के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम-2005 की धारा-32 की उपधारा-1 के अंतर्गत यूपी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी (विलंबित मजदूरी संदाय के लिए प्रतिकर) नियमावली-2019 को मंजूरी दे सकती है।

केंद्र सरकार लंबे समय से इस व्यवस्था के लिए राज्य को निर्देशित कर रही थी। सपा सरकार में कई बार इसके लिए प्रयास हुआ लेकिन यह नियमावली नहीं बनाई जा सकी। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर ग्राम्य विकास विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे जल्दी ही मंजूरी दी जा सकती है।

विधानमंडल का सत्रावसान भी

प्रदेश विधानमंडल का वर्तमान सत्र 26 नंवबर को आहूत किया गया था। 19 दिसंबर की कार्यवाही के बाद विधानमंडल की बैठकें अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई हैं। प्रदेश कैबिनेट विधानमंडल के मौजूदा सत्र के सत्रावसान को मंजूरी दे सकती है। अब नए साल में बजट सत्र होने का अनुमान है।

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