नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बिजनौर में उपद्रव करने के आरोपियों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। आरोपियों में नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन जावेद आफताब और झंडापुर मदरसा संचालक डॉक्टर फुरकान महरबान सहित तीन आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। अन्य आरोपियों पर भी इनाम घोषित करने की तैयारी है।
गत शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल व तोड़फोड़ में आबकारी पुलिस चौकी के दरोगा हरीश कुमार की ओर से नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन चाहशीरी निवासी जावेद आफताब, उनके भाई परवेज आफताब, चेयरपर्सन पति शमशाद अंसारी, उनके भाई इमरान अंसारी व दिलशाद अंसारी, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राशिद हुसैन, सभासद अकील अहमद, जामा मस्जिद बिजनौर के इमाम हाजी वरीस, गामा, मिर्दगान निवासी महताब, जाटान निवासी वकील कुरैशी, काजीपाड़ा निवासी शाह आलम, चांदपुर की चुंगी निवासी नाज सहित 250 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इनके अलावा रिपोर्ट में शहादत हुसैन, चाहशीरी निवासी इरशाद अथर सिद्दीकी एडवोकेट, नई बस्ती निवासी मिर्जा जीशान बेग, अधिवक्ता वाजिद, झंडापुर मदरसा संचालक डॉक्टर फुरकान महरबान को भी शामिल किया गया था। काजीपाड़ा निवासी आदिल उर्फ छुईया वीडियो में तिरंगा लेने वालों में शामिल पाया गया था। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से ये सभी आरोपी फरार हैं। पुलिस इनको तलाश करने में जुटी है।
पुलिस ने सोमवार को पूर्व चेयरमैन जावेद आफताब, डॉक्टर फुरकान महरबान और काजीपाड़ा निवासी आदिल उर्फ छुईया पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस के मुताबिक डॉक्टर फुरकान महरबान के तीन पुत्र मुजाहिद, कासिम व आमिर की भी भूमिका संदिग्ध रही है। ये भी जामा मस्जिद के पास भीड़ में शामिल थे। इनके खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी का कहना है कि उपद्रव करने वाले तमाम लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। अभी तीन लोगों पर ही इनाम घोषित हुआ है, बाकी पर भी इनाम घोषित होगा। फरार सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास में पुलिस लगी है।