प्रदेश की सरकारी मशीनरी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हाथों एक बार फिर एक ऐसे भवन का उद्घाटन करा दिया जिसके निर्माण को अभी तक नगर निगम और नगर एवं ग्राम योजना विभाग ने कंप्लीशन सर्टिफिकेट ही नहीं दिया है। हाल ही में लोक निर्माण विभाग ने इसका निर्माण पूरा कर इसे सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के सुपुर्द किया है।
लेकिन अब नक्शा और भवन निर्माण को अंतिम मंजूरी न मिलने के बाद सोमवार से इसका संचालन शुरू होने पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 27 दिसंबर को होने वाली सरकार के जश्न की रैली में शिरकत करने वाले मेहमानों को इसी नए गेस्ट हाउस में ठहराने की योजना थी लेकिन अब अधिकारी इसे शुरू करने को लेकर अधर में फंस गए हैं।
दरअसल, शिमला नगर निगम क्षेत्र में किसी भी निर्माण के लिए पहले नक्शे को निगम से मंजूर कराना होता है और फिर उस भवन के निर्माण के पूरा होने के बाद कंप्लीशन सर्टिफिकेट नक्शे के आधार पर दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो लोनिवि ने जो बिल्डिंग तैयार की है, उसमें भारी डेविएशन पाया गया है। इसी वजह से नगर निगम ने मंजूरी देने से इंकार कर दिया और फाइल टीसीपी निदेशालय को भेज दी जहां से अब फाइल सचिवालय के चक्कर काट रही है।
सूत्रों का कहना है कि कोई भी अधिकारी डेविएशन को रेगुलर कर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के चक्कर में नहीं फंसना चाहता। ऐसे में अब इस मामले को मंत्रिमंडल में ले जाने की तैयारी है। खास बात यह है कि निर्माण को मंजूरी न मिलने की बात लोनिवि ने सामान्य प्रशासन विभाग से साझा ही नहीं की, इसलिए जीएडी ने भी मुख्यमंत्री से इसका उद्घाटन करा दिया। अब डेविएशन की बात सामने आने पर जीएडी ने सचिव टीसीपी व शहरी विकास से इस संबंध में जल्द निर्णय लेने के लिए कहा है।
स्टेट लाइब्रेरी का भी पास नहीं है नक्शा
विधानसभा के नजदीक बनी नई स्टेट लाइब्रेरी की नई बिल्डिंग को बने काफी समय हो गया है। मुख्यमंत्री ने इसका भी उद्घाटन कर दिया लेकिन इसमें भी पास नक्शे से इतर निर्माण की वजह से पेच फंसा हुआ है।