नई दिल्ली . भारतीय संस्थाओं के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में सबसे बड़ी बाधा सायबर अटैक की है। सायबर सिक्योरिटी कंपनी फोर्सप्वाइंट ने आईटी एनालिस्ट फर्म फ्रोस्ट एंड सुलिवन के साथ मिलकर एक स्टडी के आधार पर यह बात कही है।
स्टडी के मुताबिक भारत डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन हम इसके लिए अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। स्टडी में पाया गया कि लगभग 95 फीसदी कंपनियां डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की नाव पर सवार हो चुकी हैं, जबकि 61 फीसदी कंपनियों का कहना है कि सायबर अटैक के कारण चुनौती बढ़ती जा रही है। डिजिटली ट्रांसफॉर्मेशन हो चुकी करीब 46 फीसदी कंपनियों पर साइबर अटैक हुआ है।
इस स्टडी में पाया गया कि भारत में तकरीबन 76 फीसदी बिजनेस क्लाउड कम्प्यूटिंग को अपना चुके हैं, लेकिन इन कंपनियों पर खतरा भी काफी बढ़ गया है। इनमें से करीब 47 फीसदी कंपनियों ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में सिक्योरिटी ब्रीच की समस्या को झेला है।स्टडी में भारत की 100 कंपनियां शामिल हुई थीं। 62% कंपनियां लार्ज एंटरप्राइजेज हैं जिनका ग्लोबल एनुअल टर्नओवर 250 मिलियन डॉलर (करीब 1800 करोड़) है। ज्यादातर कंपनियां आईटी और बीपीओ (37%) थीं। बीएफएसआई सेक्टर की 27% कंपनियां और मैन्युफैक्चरिंग की 19% कंपनियां स्टडी में शामिल हुईं।
आईटी में नौकरी के लिए सैप सबसे अच्छी
भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नौकरी करने के लिहाज से सैप सबसे अच्छी कंपनी मानी जा रही है। वैश्विक रोजगार वेबसाइट इनडीड ने शीर्ष रैंकिंग कार्यस्थल के लिए वर्तमान एवं पूर्व कर्मचारियों के बीच अध्ययन किया था। सैप के बाद अडोबी, वीएमवेयर और माइक्रोसॉफ्ट देश में काम करने के लिए शीर्ष प्रौद्योगिकी कंपनियां हैं। इसरो पांचवें पायदान पर है। ई-कॉमर्स कंपनियां मिंत्रा , पेटीएम और फ्लिपकार्ट और आईटी कंपनी टीसीएस एवं एमफैसिस को इस सूची में रखा गया है।