उन्नाव के बिहार थाना इलाके में कथित बलात्कार पीड़िता युवती को जिंदा जलाने के मामले में जांच के लिये गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गुरुवार को आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की। आरोपियों के वकील संजीव त्रिवेदी ने ‘भाषा’ को बताया कि अदालत के आदेश पर एसआईटी पांचों आरोपियों को सुबह आठ बजे जेल से निकालकर पूछताछ के लिये पुलिस लाइन ले गयी।
उन्होंने बताया कि एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से आरोपियों की तीन दिन की रिमांड की मांग की थी। इसका विरोध करने पर अदालत ने आरोपियों की 12 घंटे की सशर्त रिमांड मंजूर करते हुए उनके वकील को साथ रख पूछताछ करने का आदेश दिया था। रिमांड अवधि आज सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक प्रभावी रहेगी। त्रिवेदी ने बताया कि बुधवार को एसआईटी ने अदालत से पांचों आरोपितों की रिमांड मांगी थी। इस पर उन्होंने कहा था कि हैदराबाद कथित मुठभेड़ कांड और बिजनौर में हाल ही में भरी अदालत में हुई गोलीबारी के बाद उन्हें पुलिस पर विश्वास नहीं है। साथ ही मॉब लिंचिंग जैसी घटना भी हो सकती है।
त्रिवेदी के अनुसार, अदालत ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए सिर्फ 12 घंटे की सशर्त रिमांड मंजूर की। ज्ञातव्य है कि उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र की रहने वाली 23 वर्षीय एक युवती ने शिवम और शुभम नामक युवकों पर 12 दिसंबर 2018 को बलात्कार करने का मुकदमा दर्ज कराया था। युवती मुकदमे की पैरवी के सिलसिले में रायबरेली रवाना होने के लिये पांच दिसम्बर की सुबह करीब चार बजे बैसवारा रेलवे स्टेशन जा रही थी। तभी रास्ते में बिहार-मौरांवा मार्ग पर शिवम और शुभम ने अपने साथियों हरिशंकर, रामकिशोर और उमेश की मदद से उस पर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा दी।
करीब 90 फीसद तक जल चुकी उस लड़की को लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मगर हालत बेहद नाजुक होने की वजह से उसे देर शाम एयर एंबुलेन्स से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां छह दिसम्बर की देर रात उसकी मौत हो गयी थी।