नागरिकता बिल: एएमयू में लगे हिंदुत्व मुर्दाबाद के नारे, 720 पर केस दर्ज, आज दिल्ली कूच की तैयारी|

नागरिकता संशोधन बिल पर एएमयू छात्रों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी से लेकर यूनिवर्सिटी सर्किल तक बिल के विरोध में पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मशाल जुलूस निकाला। साथ ही बिल की प्रतियां फूंक डालीं और हिंदुत्व मुर्दाबाद के भी नारे लगाए। भड़के छात्रों ने एलान किया कि वह बुधवार को हालों में खाना नहीं खाएंगे और डायनिंग का बहिष्कार करेंगे। किसी भी कीमत पर बिल को लागू नहीं होने देंगे। आगे की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार की देररात जनरल बाडी की बैठक बुलाई गई। साथ ही दिल्ली कूच का एलान भी किया। वहीं दूसरी ओर प्रदर्शन के दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की और अभद्रता के मामले में थाना सिविल लाइंस में दो पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों सहित 20 नामजद और 700 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

एएमयू में बिल के विरोध का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा। मंगलवार की रात को विश्वविद्यालय के सभी आवासीय हालों के छात्र लाइब्रेरी के पीछे कैंटीन पर इकट्ठा हुए और इसके बाद हाथों में मशाल लेकर और बिल की प्रतियां जलाते हुए जुलूस आगे बढ़ा। छात्रों ने केंद्र विरोधी, गृह मंत्रालय विरोधी नारे लगाए और आजादी की मांग करते हुए हिंदुत्व मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। छात्रों के तेवर देखते हुए एएमयू प्रशासन छात्रों से दूर ही रहा। छात्रों का काफिला वीसी लाज होते हुए स्टाफ क्लब पहुंचा। यहां से गेस्ट हाउस और बाब ए सैयद होते हुए यूनिवर्सिटी सर्किल पर पहुंचा। यहां पर छात्रों ने एक सभा की। जिसमें कहा कि यह बिल मौलिक अधिकार और संविधान की भावना के खिलाफ है। पूरी तरह मुस्लिम विरोधी है।

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा कि यह मशाल जलूस नागरिकता बिल के विरोध में निकाला गया है। हमारी अपील है कि राज्य सभा में सांसद इस बिल का समर्थन नहीं करें। सलमान ने कहा कि यह बिल केवल मुसलमानों के लिए ही नहीं बल्कि हिंदु समुदाय और हिंदुस्तानी संस्कृति के लिए भी खतरा है।

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा है कि अब उन मुसलमानों को जरूर सोचना चाहिए, जो इस बिल के खिलाफ  बोलना तो छोड़िए, बल्कि जो लोग थोड़ी बहुत आवाज उठा रहे हैं, उनका मजाक बना रहे हैं। यह बिल आपकी शनाख्त तक को खत्म करने के लिए बनाया जा रहा है। आप इसको मजाक उड़ाकर उन सबका हौसला तोड़ रहे हैं, जो दूसरे मजहब के होकर खुलेआम हमारी लड़ाई लड़ रहे हैं। देश में शांति थी लेकिन भाजपा सरकार देश में गृह युद्ध कराना चाहती है।

आतंकवाद के फर्जी केसों में बंद मुसलमानों के लिए रिहाई मंच जैसी आर्गेनाइजेशन और उसमें राजीव यादव जैसे लोग जो आपके लिए दिन रात एक कर रहे हैं और आप चुप होकर उन सब पर हंस रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि गांधी, नेहरू, बाबा साहेब अंबेडकर, फुले मौलाना आजाद, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद की तरह असहयोग आंदोलन, साइमन कमीशन गो बैक, दांडी मार्च, खिलाफत आंदोलन जैसा एक आंदोलन करने का वक्त आ गया है। इस अवसर पर जैद शेरवानी, हमजा नोमान, जावेद, मसूद, अहमद मुस्तफा, असलम, अशरफ आदि सैकड़ों छात्र मौजूद थे।

आज छात्रों के दिल्ली कूच की तैयारी, नहीं दिया ज्ञापन

आमतौर से कैंपस में जुलूस और मार्च के बाद छात्र किसी जिम्मेदार अधिकारी या व्यक्ति को ज्ञापन देकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाते हैं। लेकिन मंगलवार की रात ज्ञापन नहीं दिया गया। कहना था कि ज्ञापन से कुछ नहीं होता। इसलिए छात्र बुधवार को दिल्ली जाने और वहां संसद भवन तक पहुंचने की बात कह रहे थे। इससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि छात्र दिल्ली के लिए कूच कर सकते हैं।

‘छात्रों ने संसद में पेश हुए नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया है। इसी के चलते मार्च भी निकाला गया है। मार्च और प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा है’

परीक्षाएं स्थगति करने की मांग की थी, इंतजामिया ने नहीं मानी

बुधवार को एक ओर एएमयू छात्र दिल्ली में संसद का घेराव करने की योजना बनाते हुए वहां कूच करने की तैयारी कर रहे हैं तो वहीं बुधवार को स्नातक और कुछ डिप्लोमा कोर्स की परीक्षाएं भी हैं। इससे असमंजस की स्थिति बन रही है।

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने इंतजामिया से मांग की है कि परीक्षा कार्यक्रम स्थगित करें। इस संबंध में कुलपति से मुलाकात भी की लेकिन उनके स्तर से इस संबंध में कोई संकेत नहीं दिया गया। रात को एएमयू के एमआईसी प्रो. शाफे किदवई ने कहा कि छात्रों ने जुलूस निकाला है।

विश्वविद्यालय की ओर से शैक्षणिक कलेंडर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यहां पर देश के विभिन्न प्रांतों और राज्यों के छात्र हैं। उन्होंने परीक्षा के बाद घर जाने के लिए रिजर्वेशन आदि करा रखा है।  इसी के चलते परीक्षा कार्यक्रम यथावत रहेगा।

ओवैसी दूसरे जिन्ना न बनें: अमिर

नागरिक संशोधन बिल लोकसभा में पास होने पर ख़ुशी का इजहार करते हुए मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष व राष्ट्रवादी नेता मो. आमिर रशीद ने कहा कि दूसरे देशों से आए हुए मुस्लिम शरणार्थी हमारे देश में रहकर सबसे ज्यादा नुकसान देश के मुसलमानों का ही कर रहे थे।

देश के मुसलमानों को बिल से डरने की जरूरत नहीं। देश का मुसलमान राष्ट्रवादी है। अब तो यह बात आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भगवत और नरेंद्र मोदी ने भी विदेशों में जाकर बड़े मंचों से स्वीकारी है। आमिर ने कहा कि ओवैसी दूसरे जिन्ना बनने की कोशिश नहीं करें। जितना मुसलमान हमारे देश में सुरक्षित है उतना तो इस्लामिक मुल्कों में भी नहीं।

नागरिकता दिए जाने का स्वागत: डॉ. रक्षपाल

औटा (आगरा विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रक्षपाल सिंह ने कहा है कि वह पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान में अत्याचारों के शिकार हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी, समुदायों के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दिए जाने का स्वागत करते हैं। भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों को संविधान से प्रदान किए गए अधिकारों को अच्क्षुण बनाए रखने के हामी हैं।

विरोध करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए
सामाजिक कार्यकर्ता विशाल देशभक्त ने कहा है कि एएमयू में जो मुस्लिम नागरिक संशोधन बिल का विरोध कर रहे है उन्हें सिर्फ देश मे अराजकता फैलाने से मतलब है क्योंकि इस बिल में मुसलमानों के हितों को कोई क्षति नहीं पहुंचाई गई है।

एएमयू में हैं देश विरोधी ताकतें : सांसद प्रवक्ता

सांसद सतीश गौतम के प्रवक्ता संदीप चाणक्य ने कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यहां अराजक तत्वों का जमावड़ा आम बात है। यह चिंता का विषय है। जहां एक ओर पूरे देश में नागरिकता संशोधन बिल के लोकसभा में पास होने पर हर्ष का माहौल है।

वहीं, एएमयू में मातम मनाया जा रहा है। एएमयू का प्रॉक्टर विभाग कहता है कि ऐसी किसी बैठक की अनुमति नहीं दी जाती। इन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि यह कार्यक्रम संचालित कैसे हो गया। हिंदुत्व विरोधी नारेबाजी से साबित हो गया कि देश विरोधी ताकतें पनप रही हैं।

बकि बिल के अनुसार  यहां रहने वाले किसी भी मूल नागरिक को इस बिल से कोई हानि नहीं है। उसके बाद भी इनका अनर्गल प्रलाप देश के हित में नहीं है। पूरे घटनाक्रम से सांसद सतीश गौतम को अवगत करा दिया है।

720 पर मुकदमा दर्ज

मंगलवार की रात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा निकाले गए मशाल जुलूस के दौरान हंगामा और नारेबाजी करने से माहौल बिगड़ गया। हालात को संभालने पहुंची पुलिस से छात्रों ने धक्का-मुक्की और अभद्रता कर दी। इस मामले में थाना सिविल लाइंस पुलिस ने दो पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों सहित 20 नामजद और 700 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

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