रामपुर. सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लोकसभा में पास होने पर रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान ने कहा कि लोकतंत्र में दिमाग नहीं सिर गिने जाते हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला ताकत के बल पर किया गया है. आजम खान ने सत्ता पक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि अगर अपोजिशन सही बात करता है तो उसे न सिर्फ सुननी चाहिए बल्कि मान भी लेनी चाहिए.
न्यूज18 से बातचीत में आजम खान ने कहा, “ताकत के बल पर फैसला हुआ है. ताकत भी बड़ी ताकत है. विपक्ष की तादाद कम है. विपक्ष कितनी भी सही बात कहे उसकी सुनवाई नहीं होगी. लेकिन अच्छे लोकतंत्र की मिसाल ये है कि सत्ता पक्ष को न सिर्फ विपक्ष की सही बात को सुननी चाहिए, बल्कि मान लेनी चाहिए. जिस सवाल पर आज देश बंटा हुआ है, उसी सवाल पर तो 1947 में देश का विभाजन हुआ था. लेकिन जो लोग पाकिस्तान नहीं गए थे, उनके पास रास्ता था पाकिस्तान जाने का. मुसलमानों के अलावा किसी के पास आप्शन नहीं था पाकिस्तान जाने का. लेकिन जो लोग उस वक्त पाकिस्तान नहीं गए शायद उनसे ज्यादा बड़े देश भक्त थे, जिन्हें जाने का आप्शन नहीं था. अगर उस देशभक्ति की यही सजा है तो उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती क्योंकि लोकतंत्र में दिमाग नहीं सिर गिने जाते हैं.
पीएम मोदी ने बिल पास होने पर जाहिर की प्रसन्नता
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में नागरिकता (संशोधन)विधेयक के पारित होने पर प्रसन्नता जतायी है. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून भारत की समावेश करने, मानवीय मूल्यों में भरोसे की सदियों पुरानी प्रकृति के अनुरूप है. बता दें कि लोकसभा ने विधेयक को सात घंटे से अधिक समय की चर्चा के बाद आधी रात के कुछ समय बाद पारित कर दिया. विधेयक के पक्ष में कुल 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘प्रसन्नता है कि लोकसभा ने एक समृद्ध और व्यापक चर्चा के बाद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित कर दिया है. मैं विधेयक को समर्थन देने वाले विभिन्न सांसदों और दलों को धन्यवाद देता हूं. यह विधेयक भारत की समावेश करने, मानवीय मूल्यों में भरोसे की सदियों पुरानी प्रकृति के अनुरूप है.’
गृह मंत्री अमित शाह की सराहना
मोदी ने कहा कि वह इसके सभी पहलुओं को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की विशेष तौर पर सराहना करते हैं. मोदी ने कहा, ‘शाह लोकसभा में चर्चा के दौरान विभिन्न सांसदों द्वारा उठाये गए बिंदुओं के विस्तृत जवाब दिये.’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधेयक के पारित होने के दौरान सदन में मौजूद नहीं थे.