पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर अब यूपी में भी देर रात दफ्तर से लौटने वाली महिलाओं को घर तक सुरक्षित पहुंचने में पुलिस मदद करेगी। इसके लिए डीजीपी मुख्यालय पर प्लान तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इसे अमली जामा पहनाया जाएगा।
हैदराबाद और उन्नाव की घटना के बाद महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसे देखते हुए महिलाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए डीजीपी मुख्यालय प्लान तैयार कर रहा है। इसके लिए पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में लागू व्यवस्था का अध्ययन किया जा रहा है।
पुलिस अपनी गाड़ी से महिला को उसके घर तक छोड़कर आए या फिर उसे एस्कोर्ट करे, इसको लेकर मंथन किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि महिलाओं को रात में पुलिस की गाड़ी से घर तक छोड़ने के पक्ष में कई अधिकारी नहीं हैं।
इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि रात के समय किसी महिला की मदद के लिए साथ में महिला पुलिस कर्मी का होना जरूरी है। महकमे में इतनी महिला सिपाही नहीं हैं, जिन्हें हर क्षेत्र में रात की ड्यूटी के लिए तैनात किया जा सके। ऐसे में यह फैसला जोखिम भरा हो सकता है।
पूर्व में आईजी रेंज कानपुर रहे आलोक सिंह ने यह प्रयोग कानपुर में किया था जो सफल रहा था। इसी तर्ज पर पूरे प्रदेश में व्यवस्था लागू करने की बात की जा रही थी, जिसे लेकर सभी अधिकारी सहमत नहीं थे। अधिकारियों का कहना है कि व्यवस्था ऐसी की जाए जो लंबे समय तक चल सके, केवल कागजी खानापूरी न हो।
सहमति इस बात पर बन रही है कि यदि किसी महिला या लड़की को रात में या किसी भी समय घर या ऑफिस जाते समय डर लग रहा है और वह 112 नंबर पर फोन कर सहायता मांगती है तो उसे एस्कोर्ट किया जाए। यानी महिला स्कूटी से हो, अपनी गाड़ी या फिर कैब से हो तो पुलिस की गाड़ी उसके साथ घर तक जाएगी। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, डीजीपी ओम प्रकाश सिंह जल्द ही इस मुद्दे पर अपने कार्यालय में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। एक सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय ले लिया जाएगा और फिर उसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराई जा सके।
तीन राज्यों में महिला सुरक्षा के लिए की है यह व्यवस्था
हैदराबाद की घटना के बाद अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने महिला सुरक्षा के लिए पहल की है। देहरादून के एसएसपी ने आदेश जारी किया है कि किसी महिला के 112 नंबर पर सहायता मांगने पर उसे पुलिस की गाड़ी से घर तक पहुंचाया जाएगा। पंजाब के कुछ जिलों और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एसएसपी ने भी इसी तरह का निर्णय लिया है।