जेवर एअरपोर्ट के विकासकर्ता चयन, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना को बलिया से जोड़ने के लिए बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के परियोजना विकास व डीपीआर बनाने के लिए परामर्शी चयन को भी मंजूरी मिल सकती है। प्रदेश सरकार ने 29 नवंबर को जेवर ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एअरपोर्ट के निर्माण के लिए विकासकर्ता का चयन ग्लोबल टेंडर के जरिए किया था।
स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एअरपोर्ट एजी. ने सर्वाधिक बोली लगाकर यह काम हासिल किया। पिछले सोमवार को प्रोजेक्ट मानीटरिंग एंड इप्लीमेंटेशन कमेटी (पीएमआईसी) ने एयरपोर्ट के विकासकर्ता के नाम पर मुहर लगाई थी। अब इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा। कैबिनेट मंजूरी के बाद विकासकर्ता को कार्य आवंटन आदेश जारी करने और एयरपोर्ट शिलान्यास का रास्ता साफ हो जाएगा।
इसके अलावा औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली-2003 में संशोधन कर नियमावली के तहत वैट के रूप में प्राप्त होने वाले लाभ एसजीएसटी के रूप में दिलाने की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
अयोध्या, गोरखपुर व फिरोजाबाद नगर निगम के सीमा विस्तार को मंजूरी संभव
प्रदेश कैबिनेट अयोध्या, गोरखपुर व फिरोजाबाद नगर निगम के सीमा विस्तार को मंजूरी दे सकती है। अयोध्या में 41 गांव शामिल करने का प्रस्ताव है। अयोध्या-बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या नगर निगम के सीमा विस्तार पर लोगों की निगाहें हैं। अयोध्या की सीमा में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन दी जानी है।
इसके अलावा 16 नई नगर पंचायत बनाने, चार नगर पंचायत व एक पालिका परिषद के सीमा विस्तार को मंजूरी मिल सकती है। शाहजहांपुर में बंडा, बहराइच में पयागपुर, सिद्धार्थनगर में इटवा, भारतभारी व बढ़नीचाफा, बदायूं में दहगवां, कानपुर देहात में करबा मूसानगर, जालौन में एट, गोरखपुर में चौमुखा, वाराणसी में लोहता, कुशीनगर में फाजिलनगर व दुदही, कौशांबी में दारानगर कड़ाधाम, बस्ती में गायघाट, फर्रुखाबाद में नवाबगंज, फिरोजाबाद में मक्खनपुर को नई नगर पंचायत बनाने को मंजूरी मिल सकती है।
इसी तरह कुशीनगर की नगर पालिका परिषद पडरौना व आजमगढ़ की नगर पंचायत अजमतगढ़, बाराबंकी की बंकी, ललितपुर की महरौनी, बस्ती की बभनान नगर पंचायत का सीमा विस्तार हो सकता है।
लखनऊ सहित कई शहरों को इलेक्ट्रिक बसों की मिलेगी सौगात
नगरीय परिवहन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए पीपीपी मोड में ग्रास कॉस्ट कांट्रैक्ट मॉडल पर लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, बरेली, गोरखपुर, शाहजहांपुर तथा मथुरा-वृंदावन में वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों के संचालन संबंधी प्रस्ताव पर भी विचार की संभावना है। यह योजना केंद्र सरकार की मदद से संचालित होगी।