गुरुवार को पिथौरागढ़ महिला अस्पताल में प्रसव के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ी और मौत हो गई। आज फिर ऐसा मामले सामने आया है। पिथौरागढ़ के हरगोविंद पंत जिला महिला अस्पताल में बागेश्वर निवासी प्रसूता की मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधन के समझाने के बाद महिला के शव को एंबुलेंस की व्यवस्था कर घर भेजा गया। तीन दिन के भीतर प्रसव के बाद मौत का यह दूसरा मामला है।
महिला अस्पताल में बागेश्वर जिले के नरगोली निवासी रेनू रौतेला (28) पत्नी मुकेश रौतेला को प्रसव पीड़ा के चलते पांच दिसंबर को भर्ती किया गया। उसी दिन दोपहर 2.11 बजे ऑपरेशन के जरिए रेनू ने लड़की को जन्म दिया। तब उसकी हालत बिल्कुल ठीक थी।
आज को उसे दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा था। इसी बीच अचानक रेनू को चक्कर आ गया और वह जमीन में बैठ गई। सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत महिला का इलाज शुरू किया गया। जिला अस्पताल से भी चिकित्सक, सर्जन और फिजीशियन बुलाए गए। डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद महिला ने सुबह 10.30 बजे दम तोड़ दिया।
प्रसव के बाद हालत बिगड़ी, प्रसूता की मौत
वहीं गुरुवार अपराह्न पौने तीन बजे बजेटी निवासी संगीता कोहली (29) पत्नी विनोद कोहली को परिजन प्रसव के लिए अस्पताल लेकर आए। उसका एक बेटा है। डॉक्टरों के मुताबिक, उसका ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई थी, लेकिन परिजन नहीं माने।
बाद में शाम पांच बजे सामान्य प्रसव में संगीता ने बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। इससे चिकित्सा कर्मियों में हड़कंप मच गया। चिकित्सा टीम ने महिला को बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन सफल नहीं रहे। रात साढ़े आठ बजे संगीता ने दम तोड़ दिया।
अस्पताल की वरिष्ठ सर्जन भागीरथी गर्ब्याल ने बताया कि संगीता को एमनियोटिक फ्लूड एम्बोलिज्म हो गया था। इसमें पानी अधिक होने के कारण कभी-कभी प्रसव के पानी की बूंदें बच्चेदानी की नस में घुस जाती हैं।
इससे पानी प्रसूता के हार्ट तक पहुंचकर उसे ब्लॉक कर देता है। इससे हार्ट काम करना बंद कर देता है और सांसें धीरे-धीरे कम होती जाती हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे केस बहुत कम देखने को मिलते हैं। इसमें बचना बेहद मुश्किल हो जाता है।