दुष्कर्म का केस वापस लेने से इन्कार पर केरोसिन डालकर जलाई गई उन्नाव की बिटिया की शुक्रवार रात मौत के बाद आम लोगों के साथ नेताओं में गम और गुस्सा दोनों है। दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर रखी गई युवती 95 फीसद तक जल चुकी थी। दुष्कर्म पीड़िता की मौत पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी दुख प्रकट करते हुए सरकार से जल्द इंसाफ की मांग की है।
दुष्कर्म पीड़िता के भाई ने पांचों आरोपितों को मौत की सजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे कम वह कुछ भी नहीं चाहते। अभी वह दिल्ली में हैं। दुष्कर्म पीड़िता का वहीं पोस्टमार्टम चल रहा है। इसके बाद उसके पार्थिव शरीर को उन्नाव लाया जाएगा। यहीं अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं, दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए प्रियंका वाड्रा उन्नाव के लिए रवाना हो गई हैं।
बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा कि ‘जिस उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जलाकर मारने की कोशिश की गई, उसकी कल रात दिल्ली में हुई दर्दनाक मौत अति कष्टदायक है। इस दुख की घड़ी में बीएसपी पीड़ित परिवार के साथ है। यूपी सरकार पीड़ित परिवार को समुचित न्याय दिलाने हेतु शीघ्र ही विशेष पहल करे, यही इंसाफ का तकाजा व जनता की मांग है। साथ ही ऐसी दर्दनाक घटनाओं को यूपी सहित पूरे देशभर में रोकने के लिए राज्य सरकारों को चाहिए कि वे लोगों में कानून का खौफ पैदा करें और केंद्र भी ऐसी घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए दोषियों को निर्धारित समय के भीतर ही फांसी की सख्त सजा दिलाने का कानून जरूर बनाए।
प्रियंका ने कहा-पीड़िता को सुरक्षा क्यों नहीं दी?
कांग्रेस की प्रभारी महासचिव प्रियंका वाड्रा ने दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद राज्य सरकार से कई सवाल किये हैं। उन्होंने ट्वीट कर पूछा है कि ‘उन्नाव की पिछली घटना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तत्काल पीड़िता को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? जिस अधिकारी ने उसका एफआइआर दर्ज करने से मना किया उस पर क्या कार्रवाई हुई? उप्र में रोज रोज महिलाओं पर जो अत्याचार हो रहा है, उसको रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है?
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि ‘मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि उन्नाव पीड़िता के परिवार को इस दुख की घड़ी में हिम्मत दे। यह हम सबकी नाकामयाबी है कि हम उसे न्याय नहीं दे पाए। सामाजिक तौर पर हम सब दोषी हैं, लेकिन ये उत्तर प्रदेश में खोखली हो चुकी कानून व्यवस्था को भी दिखाता है। उन्नाव में जलाई गई दुष्कर्म पीड़िता की बुआ का घर रायबरेली के लालगंज क्षेत्र में है। प्रियंका वाड्रा ने शुक्रवार रात इस बारे में जानकारी भी ली थी।
43 घंटे मौत से लड़ी उन्नाव की बेटी
गुरुवार (5 दिसंबर, 2019) तड़के करीब 4:30 बजे 25 वर्षीय युवती दुष्कर्म के मामले में पैरोकारी के लिए रायबरेली जा रही थी। रास्ते में छह दिन पहले ही जमानत पर छूटा दुष्कर्म का मुख्य आरोपित शिवम त्रिवेदी मिला। इसी ने युवती को शादी का झांसा देकर लालगंज में रखा था। आरोप है कि उसने दोस्त शुभम के साथ दुष्कर्म किया और इसका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते रहे। शादी का इकरारनामा भी किया, पर शादी नहीं की। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का जब उसने शिवम व शुभम पर मुकदमा लिखा दिया। शिवम इसी केस में नौ महीने रायबरेली जेल में रहकर 30 नवंबर को ही छूटा था। बाहर आते ही उसने केस वापस लेने का दबाव बनाया। इन्कार करने पर उसने व उसके चार साथियों ने केरोसिन डालकर जला डाला। आग की लपटों में घिरी युवती आधा किलोमीटर तक जान बचाते दौड़ी थी। उसके बयान के आधार पर सभी आरोपित गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। 43 घंटे तक उसने जिंदगी के लिए संघर्ष किया, लेकिन दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में शुक्रवार रात 11:40 बजे उसकी मौत हो गई।