गुजरात : सोशल मीडिया पर विरोध से डरकर गुजरात की भाजपा सरकार ने शहरों व नगर पालिका क्षेत्र में हेलमेट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। केंद्र सरकार भले राज्यों को केंद्रीय कानून से छेडछाड को लेकर आगाह करती हो लेकिन रूपाणी सरकार ने हेलमेट को वाहन चालकों की मर्जी पर छोड दिया।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की अध्यक्षता में बुधवार को गांधीनगर में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसके बाद परिवहन मंत्री आर सी फलदू ने यह ऐलान किया कि कई नागरिक संगठन व संस्थाओं की मांग तथा सोशल मीडिया पर विरोध के बाद महानगर पालिका व नगर पालिका क्षेत्रों में हेलमेट की अनिवार्यता को समाप्त करने का फैसला किया है। वाहन चालकों को नेशनल व स्टेट हाइवे पर हेलमेट पहनना होगा जबकि महानगर, नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्रों में अब वाहन चालक हेलमेट पहने यह आवश्यक नहीं है।
केंद्र व राज्य सरकार की ओर से गत सितंबर-अक्टूबर माह में नए मोटर व्हीकल कानून के तहत हेलमेट नहीं पहनने, वाहन व ड्राइविंग लाइसेंस तथा पीयूसी व बीमा आदि के दस्तावेज नहीं होने पर एक हजार से 5-5 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया था। केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने यह चेताया भी था कि राज्यों को केंद्र सरकार के कानून में संशोधन करनेका अधिकार नहीं है।
गुजरात में नवरात्रि महोत्सव के चलते नए यातायात कानून को एक डेढ माह बाद अमल में लाया गया लेकिन जनविरोध व कुछ संस्थाओं की ओर से हेलमेट को लेकर हो रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने नागरिकों को हेलमेट को लेकर छूट दे दी है। गौरतलब है कि सामाजिक संस्थाओं व युवाओं का कहना था कि स्कूल, कॉलेज जाने बाजार में वस्तुएं खरीदने तथा अंतिम संस्कार में जाने के दौरान हेलमेट लगाना व उसको संभालकर रखना मुश्किल होता है।