मध्य प्रदेश / प्रदेश में विरोध के बीच खरगोन जिले की आंगनबाड़ियों में अंडा देना शुरू|

खरगोन . आंगनबाड़ियों में अंडा देने के प्रस्ताव पर सरकार और विपक्ष के बीच बवाल मचा हुआ है। दूसरी ओर खरगोन के आदिवासी क्षेत्रों में प्रशासन ने पालकों की सहमति लेकर अंडा देना शुरू कर दिया है। झिरन्या, भीकनगांव, भगवानपुरा व सेगांव इलाके में पिछले एक सप्ताह से अंडा दिया जा रहा है, जबकि जिला मुख्यालय, बड़वाह, सनावद, महेश्वर, कसरावद में विरोध व दबाव के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है। प्रशासन के मुताबिक महिला बाल विकास विभाग से इसका आदेश जारी हुआ है, जबकि उच्च स्तर पर विभागीय अधिकारी आदेश न जारी होने की बात कह रहे हैं।

भगवानपुरा,झिरन्या व भीकनगांव में सबसे ज्यादा अतिकुपोषित बच्चेअफसरों की मानें तो इंदौर संभाग आयुक्त ने संभाग को 50 प्रतिशत कुपोषण दूर करने के िलए 31 दिसंबर 2019 का समय दिया है। लक्ष्य अधिक व समय कम होने से प्रक्रिया तेजी से शुरू की गई है। तय लक्ष्य के हिसाब से खरगोन जिले के 6 हजार में से 3 हजार अतिकुपोषित बच्चों को बेहतर श्रेणी में लाना है। सबसे ज्यादा अतिकुपोषित बच्चे भगवानपुरा, झिरन्या व भीकनगांव में दर्ज है।

जो अंडा नहीं खाते, उन्हें फल दे रहे
अफसरों का कहना है कि अंडा एच्छिक है। जो बच्चा अंडा नहीं खाते, उन्हें फल दे रहे हैं। एक से छह साल तक के अतिकुपोषित बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को सप्ताह में तीन दिन अंडे देना है। फिलहाल कार्यकर्ता को ही जरूरत के हिसाब से खरीदारी कर आंगनबाड़ी लाना पड़ रहा है।

भोपाल से जारी हुआ आदेश
खरगोन एसडीएम अभिषेक गेहलोत ने बताया कि फिलहाल महिला बाल विकास विभाग के बजट से अंडा खरीदा जा रहा है। इसका अलग से बजट मिलेगा। महिला बाल विकास विभाग भोपाल से  इसके लिए आदेश जारी किया जा चुका है। हमें भी आदेश मिला है।

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