चंडीगढ़ – सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिए 74.5 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। यह निर्णय राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबंधन समिति (FMC) की आठवीं बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने की।
राज्य सरकार की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पहली बार लोक निर्माण विभाग (PWD-B&R) ने स्कूल ज़ोन सड़क सुरक्षा उपचार परियोजना शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को लगभग 50 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस खरीदने के लिए 17.50 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
पुलिस विभाग को 19 जिलों में सीसीटीवी आधारित निगरानी प्रणाली स्थापित करने के लिए 19 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। साथ ही, जिला सड़क सुरक्षा समितियों को सुरक्षा गतिविधियों के संचालन हेतु 10 करोड़ रुपये, माध्यमिक शिक्षा के लिए 1 करोड़ रुपये और राज्य सड़क सुरक्षा परिषद सचिवालय के लिए 2 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
ये आवंटन वर्ष 2024-25 के दौरान संकलित 199.09 करोड़ रुपये की कंपाउंडिंग फीस के आधार पर किए गए हैं।
हरियाणा सरकार वर्ष 2016 में लागू की गई ‘हरियाणा सड़क सुरक्षा नीति’ के तहत राज्य में सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। यह नीति चार “E” — प्रवर्तन, अभियांत्रिकी (सड़कें और वाहन), शिक्षा और आपातकालीन देखभाल — पर आधारित है, और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 2022 में हरियाणा में 11,105 सड़क दुर्घटनाएं और 5,596 मौतें दर्ज की गई थीं। वर्ष 2023 में यह संख्या घटकर 10,438 दुर्घटनाएं और 5,195 मौतें हुईं, जबकि 2024 में यह आंकड़े 9,759 दुर्घटनाएं और 4,828 मौतों तक सीमित रहे। वर्ष 2025 में 25 मई तक यह संख्या और घटकर 6,770 दुर्घटनाएं और 1,942 मौतें रह गई है, जो कि सड़क सुरक्षा पहलों के प्रभावशाली क्रियान्वयन को दर्शाता है।
हरियाणा सरकार का यह कदम राज्य को सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।