नई दिल्ली: केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा की समृद्ध सभ्यता, संस्कृति और पर्यटन को वैश्विक मंच पर लाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी। उन्होंने 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले की भव्यता को बढ़ाने और भविष्य में इसमें प्रमुख भागीदार देशों को शामिल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
हरियाणा के विरासत और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। इस दौरान डॉ. शर्मा ने उन्हें 7 फरवरी को फरीदाबाद में आयोजित होने वाले 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया। बैठक में दोनों मंत्रियों ने पर्यटन और सांस्कृतिक पहल से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि अब समय आ गया है कि हरियाणा के पर्यटन को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया जाए, ठीक वैसे ही जैसे सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले को पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि केंद्र और हरियाणा सरकार मिलकर एक विशेष कार्ययोजना तैयार करेंगी, जिससे दुनिया हरियाणा की संस्कृति और पर्यटन की समृद्धि को देख और सराह सके।
उन्होंने यह भी बताया कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले की भव्यता को और बढ़ाने के लिए भविष्य में प्रमुख देशों को भागीदार राष्ट्र के रूप में जोड़ा जाएगा। इससे सांस्कृतिक, हस्तशिल्प और हथकरघा के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि मेले के लिए एक निश्चित कार्यक्रम कैलेंडर तय किया जाए, जिससे वैश्विक प्रतिभागी, कलाकार और पर्यटक अपनी यात्रा को निर्धारित कर सकें। उन्होंने सूरजकुंड मेले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ावा देने के लिए मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों की तरह थीम-आधारित मेले आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में देश और राज्य में भोजन, संस्कृति और कला की विविधता में एकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले की भव्यता को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी।
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस वर्ष मेले में डिजिटल प्लेटफार्मों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा। इसमें ऑनलाइन टिकट बुकिंग से लेकर कलाकारों और स्टॉल के लिए क्यूआर कोड तक की व्यवस्था की जाएगी, जिससे संपूर्ण मॉनिटरिंग में पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने कहा कि इस बार मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे थीम राज्यों के कलाकारों, बुनकरों और शिल्पकारों के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (BIMSTEC) देशों और 50 अन्य देशों के प्रतिभागी भी इस मेले का हिस्सा बनेंगे। इसके अलावा, मेले में 15 राज्यों के पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन भी आगंतुकों के लिए परोसे जाएंगे।