सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटिरिंग कमेटी के दिशा-निर्देश पर बुराड़ी में 1100 संपत्तियों को अवैध निर्माण के नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें अधिकतर नोटिस निर्माणाधीन भवनों को जारी हुए हैं। इनमें से 100 से अधिक संपत्तियों में कुछ परिवार भी रह रहे हैं। इन परिवारों का भविष्य अब 22 नवंबर को होने वाली सुनवाई पर अटक गया है। मॉनिटरिंग कमेटी ने नोटिस का जवाब देने के लिए संपत्ति मालिकों को 22 नवंबर तक का ही समय दिया है।
बिल्डर ने नोटिस फाड़ा : उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइन जोन की ओर से जारी नोटिस से बुराड़ी इलाके में हड़कंप मच गया है। बड़ी संख्या में लोगों को नोटिस मिले भी नहीं हैं। दरअसल, निगम अधिकारियों ने लोगों की संपत्ति के गेट पर नोटिस चिपका दिए थे जिन्हें बिल्डर की तरफ से फाड़ दिया गया। बाद में लोगों को एक-दूसरे से पता चला कि उनकी संपत्ति पर नोटिस आया है तो उन्होंने निगम कार्यालय में फोन कर जानकारी ली।
संतुष्ट नहीं होने पर सीलिंग और तोड़फोड़
निगम आयुक्त वर्षा जोशी ने नोटिस जारी होने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि मॉनिटरिंग कमेटी के निर्देश पर ये नोटिस जारी किए गए हैं। जिन लोगों को नोटिस मिले हैं वे मॉनिटरिंग कमेटी के कार्यालय जाकर अपना पक्ष रख सकते हैं। यदि उनके पक्ष से मॉनिटरिंग कमेटी संतुष्ट नहीं हुई तो उनके खिलाफ सीलिंग और तोड़फोड़ की कार्रवाई भी की जा सकती है।
लाजपत नगर व अमर कॉलोनी में सील हैं 400 संपत्तियां
वर्ष 2017-18 में भी मॉनिटरिंग कमेटी की ओर से लाजपत नगर और अमर कॉलोनी में मास सीलिंग के निर्देश दिए थे। इस आधार पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से 400 से अधिक संपत्तियों को सील कर दिया गया था। ये संपत्तियां आज भी सील हैं। कई बार धरना-प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं।