गन्नौर में नेशनल हाईवे-44 के साथ जल्द ही अंतरराष्ट्रीय फल, फूल एवं बागवानी मार्केट को विकसित करने का काम शुरू किया जाएगा। मार्केट परिसर में पानी निकासी के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), कूड़ा प्रबंधन के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (एसडब्ल्यूएमपी) व पेयजल की सुविधा के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) बनाए जाएंगे। साथ ही मार्केट परिसर में 17 शेड बनाए जाएंगे व वाहनों के लिए पार्किंग व वर्कशॉप बनाई जाएगी। इसके लिए हरियाणा इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से 2400 करोड़ रुपये का टेंडर लगाया गया है। टेंडर आवंटित होने के बाद मार्केट को विकसित किया जाएगा।
गन्नौर में जीटी रोड के साथ 537 एकड़ में एशिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय फल, फूल एवं बागवानी मार्केट का निर्माण होगा। मार्केट को विकसित करने के लिए कृषि मंत्रालय की ओर से हरियाणा इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रस्ताव को 15 माह पहले मंजूरी मिल चुकी है। इसे विकसित करने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। पहले चरण में कार्पोरेशन की ओर से 2400 करोड़ रुपये का टेंडर लगाया गया है।मार्केट परिसर में बनाए जाएंगे 17 शेड
बागवानी मार्केट में 17 बड़े शेड बनाए जाएंगे। इनमें पूरी तरह वातानुकूलित फूल मार्केट व फिश मार्केट बनाई जाएगी। इसके अलावा सेब का शेड, प्याज का शेड, टमाटर, आलू समेत डेयरी उत्पाद, फूल, फल व सब्जियों की मार्केट, किसान बाजार के लिए अलग शेड की व्यवस्था होगी। यहां पर विभिन्न राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग भी बनाई जाएगी। साथ ही वाहनों की मरम्मत के लिए वर्कशॉप भी बनाई जाएगी।
10 एकड़ में बसाई जाएगी सरकारी कॉलोनी
अंतरराष्ट्रीय बागवानी मार्केट में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अलग से 10 एकड़ में सरकारी कॉलोनी बसाई जाएगी। अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवास की सुविधा उपलब्ध होगी। इनमें अधिकारियों के लिए बड़े क्वार्टर व कर्मचारियों के लिए अलग से क्वार्टरों का निर्माण किया जाएगा।
सीवर लाइन व पेयजल लाइन बिछाई जाएगी
बागवानी मार्केट के परिसर में सीवर लाइन व पेयजल लाइन बिछाई जाएगी। सीवर लाइन से पानी निकासी के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण किया जाएगा। साथ ही मार्केट व आवासीय कॉलोनियों में पेयजल आपूर्ति के लिए जलशोधन संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) बनाए जाएंगे। साथ ही मार्केट से निकलने के कूड़े के प्रबंधन को लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (एसडब्ल्यूएमपी) का निर्माण किया जाएगा।