फरीदाबाद : औद्योगिक नगरी एनआइटी की जब 17 अक्टूबर-1949 को नींव पड़ी, तो शहर को पूरी तरह से विकसित करने के उद्देश्य से तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फरीदाबाद विकास बोर्ड का गठन किया था, जिसके चेयरमैन देश के प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेंद्र प्रसाद बनाए गए थे। सुधीर घोष मुख्य प्रशासक थे। बोर्ड में सालार सुखराम, सरदार गुरबचन सिंह, लेडी नाई सदस्य बने थे।
खास बात यह है कि पंडित नेहरू ने बोर्ड में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में कुल 24 बैठकों में से 21 में प्रधानमंत्री होने के बावजूद हिस्सा लिया था। अब जिस बोर्ड के चेयरमैन राष्ट्रपति और सदस्य प्रधानमंत्री थे, तो शहर को विकसित करने की दिशा में काम भी तेजी से होने को कौन रोक सकता था। इसके तहत विस्थापितों के लिए 233 वर्ग गज के 5196 मकान बनाए जाना निश्चित किया गया और पांच करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ। शरणार्थियों को ही सहकारिता योजना के तहत मकान बनाने की जिम्मेदारी दी गई। इस तरह शरणार्थियों ने पुरुषार्थ कर अपने लिए मकान बनाए और सरकार ने उसके बदले मेहनताना दिया। विस्थापितों के सिर पर छत का प्रबंध करने के साथ-साथ उनकी गुजर-बसर के लिए के लिए रोजगार का प्रबंध भी प्रथम प्रधानमंत्री ने किया और यहां राष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कारखानों में बाटा शू, लक्ष्मी रतन, हिदुस्तान ब्राउन बोवरी, कपड़ा मिल, भारत सरकार मुद्रणालय फरीदाबाद, पावर हाउस, मूलचंदानी रेडियो फैक्ट्री आदि प्रमुख कारखाने स्थापित किए गए थे।