Haryana News: सिर्फ चौथी पास.. हजारों लोगों से करोड़ों की ऑनलाइन ठगी कर चुका है सब्बीर

पलवल -जामताड़ा के साइबर ठगों को हरियाणा के पलवल के उटावड़ गांव के चौथी क्लास तक पढ़े युवक ने पीछे छोड़ दिया है। ऑनलाइन फर्जी बैंक अकाउंट खोलने के मास्टरमाइंड इस युवक के गैंग में 100 से ज्यादा ठग शामिल हैं। आईडी, आधार कार्ड, मोबाइल सिम, फोटो, हस्ताक्षर, पेटीएम, राशन कार्ड का इस्तेमाल कर ये ठग फर्जी बैंक अकाउंट खोल लोगों को करोड़ों रुपये की चपत लगा चुका है।

क्राइम ब्रांच ने ठगी के मास्टरमाइंड समेत 3 युवकों को अरेस्ट कर रिमांड पर लिया है। इनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं, जिसकी इन्हें और पुलिस को भी जानकारी नहीं है। पुलिस ने मंगलवार को गांव रजपुरा निवासी तारीफ, झांडा (रनियाला खुर्द) निवासी सलीम और उटावड़ निवासी सब्बीर को अरेस्ट किया है। तीनों टेलिकम्युनिकेशन नाम से मोबाइल शॉप चलाते हैं।

ठगी का तरीका
सब्बीर ने मोबाइल सिम एक्टिवेट करने के लिए शमशाबाद निवासी प्रवीण से वोडाफोन का फ्लेक्सी सिम लिया है। इसके जरिए वोडाफोन सीरिज के मोबाइल नंबर जो बंद हो जाते हैं, उनकी लिस्ट निकालता है। लिस्ट में दिए नबंरों को दोबारा एक्टिवेट करने के लिए कंपनी को ऑनलाइन रिक्वेस्ट भेजता है। कंपनी एक ओटीपी नंबर देती है, जिसे लोड कर दोबारा सिम चालू करवा लिया जाता है।

सिम चालू होने के बाद उससे पेटीएम अकाउंट बनाया जाता है। फिर सिम के लिए जमा दस्तावेजों की फोटोकॉपी निकाल ली जाती है। फोटोकॉपी से दोबारा नए दस्तावेज बनवा लिए जाते हैं और उनका इस्तेमाल बैंक अकाउंट खोलने में किया जाता है। केनरा बैंक में दिव्या छाबड़ा और सिमरन छाबड़ा के नाम से इसी तरह बैंक अकाउंट खोले गए थे।

20 फीसदी कमीशन पर करते हैं काम
सब्बीर, तारीफ और सलीम के गैंग में 100 से ज्यादा लोग जुड़े हैं। ये लोग ओएलएक्स जैसी वेबसाइटों पर ऑनलाइन ठगी करते हैं। ठगी का पैसा इन्हीं खातों में जमा करवाया जाता है। गैंग के लोग अकाउंट में आए पैसे का 20 प्रतिशत लेकर बाकी राशि ठगी करने वाले को दे देते हैं। सिम अलॉट करवाने और असल दस्तावेज निकलवाने के नाम पर 10 से 15 हजार रुपये लेते हैं। सिम निकलवाने और उसे एक्टिवेट करने के बदले 500 रुपये लेते हैं।

प्रिंटर के जरिए ओरिजनल दिखाई देने वाले दस्तावेजों का प्रिंट निकालते हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से एक स्विफ्ट कार, 15 एटीएम कार्ड आदि बरामद किए हैं। एसएमएस और फर्जी वेबसाइटों के लिंक, एटीएम कार्ड क्लोनिंग, कस्टमर केयर, फर्जी फेसबुक आईडी, ई-सिम जैसे हथियारों से लैस साइबर अपराधी हजारों लोगों को अपना निशाना बना चुके हैं।

ठगी में सैंकड़ों लोग हैं शामिल
क्राइम ब्रांच इंचार्ज इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि ऑनलाइन ठगी के इस मामले में सैकड़ों लोग शामिल हैं। अभी तक 3 आरोपियों को अरेस्ट 15 एटीएम कार्ड, 3 पेटीएम, बड़ी संख्या में सिम, मोबाइल व अन्य सामान बरामद किया गया है। आरोपियों के गैंग में शामिल सभी लोगों के नाम और पतों की पहचान की जा रही है। जांच में जो भी लोग शामिल पाएं जाएंगे, सभी को अरेस्ट किया जाएगा।

आरोपियों के खिलाफ उत्तराखंड और राजस्थान में भी मुकदमे दर्ज हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है और कई चौंकाने वाली जानकारी मिली हैं। ठगी की घटनाओं में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए 2 पुलिस टीमें जगह-जगह दबिश दे रही हैं।

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