क्राइम ब्रांच अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए एक के बाद एक अपराधियों को सलाखों के पीछे भेज रही है। जिस तरह से फरीदाबाद शहर में अपराध और अपराधियों का सफाया किया जा रहा है, इस बात से यह पता लग रहा है कि पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह द्वारा दिए गए निर्देश पर पुलिस की कड़ी कार्यवाही लगातार जारी है और पुलिस की अपराधियों पर पैनी निगाहें बनी हुई हैं।
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच के द्वारा अपराधियों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही से आमजन मे सुरक्षा का भाव पैदा हो रहा है। इसके साथ ही अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों में भी भय का माहौल है। पिछले 2 महीने मे करीब 400 आरोपी सलाखों के पीछे भेजे जा चुके हैं।
आरोपियों के सफाए की इसी कड़ी मे क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 प्रभारी विमल कुमार की टीम ने क्रिकेट सटोरियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए 5 आरोपियों को CPL league पर पैसा लगाते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।
पुलिस प्रवक्ता ACP धारणा यादव ने बताया कि क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 की टीम ने जिन क्रिकेट सटोरियों को पकड़ा हैं उनके नाम-पते निम्न हैं।
प्रवीण विरमानी उर्फ घोसी पुत्र चमनलाल निवासी 2D/120, NIT फरीदाबाद।
गौरव लखानी उर्फ टिंकू पुत्र गोपीनाथ निवासी 2J/83, NIT फरीदाबाद।
नीरज कुमार उर्फ अनी पुत्र मदनलाल निवासी 2D/34, NIT फरीदाबाद।
जितेन्द्र कपूर पुत्र स्वरूप निवासी 1A/171, NIT फरीदाबाद आदि
सभी आरोपी एनआईटी एरिया फरीदाबाद के रहने वाले हैं। क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 की टीम ने आरोपियों के खिलाफ गैंबलिंग एक्ट के तहत थाना सूरजकुंड में मामला दर्ज कराया है।
FIR के मुताबिक क्राईम ब्रांच सेक्टर-30 की टीम को सूचना मिली कि चार्मवुड विलेज सोसायटी सूरजकुंड के मकान न०-48, ब्लॉक 3 जोकि प्रवीण विरमानी ने किराए पर ले रखा है, में किक्रेट मैच सीपीएल लीग पर जमाईका V/s सेन्ट किट का मैच चल रहा है। जोकि वहां लेपटॉप द्वारा सट्टाखाई वाली कर रहे हैं। इस पर क्राईम बीच की टीम ने डीसीपी क्राईम से सर्च वारंट लेकर उपरोक्त जगह रेड मारी तो वहां सट्टाखाई होती मिली।
आरोपी CPL ( The Caribbean Premier League) 20-20 मैच पर सट्टा खेल रहे थे। आरोपी जमाइका V/s सेंट किट की टीम के बीच चल रहे क्रिकेट मैच पर सट्टा लगा रहे थे।
पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि IPL मैचों में देरी के कारण कैरीबियन प्रीमीयर लीग के मैच के दौरान रोजाना लाखों रुपए दांव पर लगाए जा रहे हैं।
टेक्नोलॉजी के युग में अब सट्टेबाजी का ट्रेंड भी बदल गया है पहले जहां फोन करके भाव पूछे जाते थे अब वहां हम मोबाइल में ही भाव देखकर बिना बोले सट्टा खेलने का काम कर लेते हैं
LED पर लाइव चल रहे मैच को हार-जीत, प्रत्येक बाल, प्रत्येक ओवर, खिलाड़ी, बोलर, यहां तक कि अंपायर के फैसले को लेकर भी सट्टा लगाया जाता है।
एसीपी क्राइम अनिल यादव ने बताया कि पिछले तीन चार महीने से आरोपी जगह बदल बदल कर सट्टा खेलने का काम कर रहे थे।
पुलिस ने मौके से आरोपियों के कब्जे से ₹1,04,000 रुपए नगद, 4 लैपटॉप, 11 मोबाइल फोन, 1 LED टीवी, सट्टा स्लिप, सेटअप बॉक्स बरामद कर कानूनी कार्यवाही की है।