नई दिल्ली : दिल्ली की सत्ता पर पांच साल बाद वापसी को बेताब कांग्रेस ने इसकी तैयारी तेज कर दी है। पड़ोसी राज्य हरियाणा में उम्मीद के ज्यादा कामयाबी पाने वाली कांग्रेस दिल्ली में अब बड़े धमाके की तैयारी में है। इसी के मद्देनजर प्रियंका गांधी ने खुद इसकी कमान संभाल ली है।
आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी और बदहाली के लिए जिम्मेदार नोटबंदी की तीसरी बरसी पर दिल्ली कांग्रेस शुक्रवार को चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र के 12 टूटी चौक, सदर बाजार में हल्ला बोल रैली का आयोजन करेगी। प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व में होने वाली इस रैली को पूर्व सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी संबोधित करेंगे।
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने बताया कि नोटबंदी के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ जोरदार मोर्चाबंदी करने का फैसला लिया है। सभी जिलों और मुख्य बाजारों में भी कार्यकर्ता रैलियां आयोजित की जाएंगी।
सुभाष चोपड़ा ने कहा कि आज भारत में आर्थिक मंदी का दौर है। देश का हर चौथा आदमी कर्ज में डूबा हुआ है। केंद्र सरकार की नीतियां देश के पूंजीपतियों एवं अमीरों का हित साधने के लिए बनाई जा रही हैं। दिल्ली में पढ़े लिखे नौजवान धक्के खा रहे है, उन्हें कोई नौकरी नही दे रहा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ती बेरोजगारी के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ केजरीवाल सरकार भी जिम्मेदार है। दिल्ली में हजारों शिक्षकों के पद खाली होने के बाद भी उन्हें नहीं भरा जा रहा है। मजदूरों की छंटनी की जा रही है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार न्यूनतम वेतन बढ़ाने का नाटक कर रही है।
मुकेश शर्मा ने घोषणा की कि प्रदेश कांग्रेस अब भाजपा एवं आप के खिलाफ सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व में आर-पार की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने दिल्ली वासियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे भारी संख्या में शामिल हों।