वेस्टर्न एयर कमांड के अधीनस्थ चंडीगढ़ एयरबेस से लड़ाकू विमान 35 मिनट में लेह पहुंच सकते हैं। वहीं, सेना की टुकड़ियों को अपने साजो-सामान और हथियारों सहित वहां पहुंचने में 50 मिनट लगेंगे। सैन्य सूत्रों के मुताबिक चंडीगढ़ में चिनूक चॉपर और मिग-29 की स्कवाड्रन मौजूद है। चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से भारतीय वायु सेना दुर्गम इलाकों में सेना के भारी-भरकम हथियारों को कम समय में आसानी से पहुंचा सकती है।
यह 11 हजार किलोग्राम तक भार उठा सकता है। इस चॉपर में दो रोटर वाला इंजन है, जिससे यह बहुत तेजी से उड़ान भरने में सक्षम है। यह घने वन वाली पहाड़ियों में भी अच्छे ढंग से उड़ान भर सकता है। हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए छोटे से हेलीपैड की ही जरूरत है जो कि घाटी में कहीं भी आसानी से तैयार हो जाएगा। वहीं, मिग 29 रूस निर्मित ट्विन इंजन जेट फाइटर एयरक्राफ्ट है। यह 2446 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है।
चंडीगढ़ समेत उत्तरी क्षेत्र की छावनियां हाई अलर्ट पर
चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प के मद्देनजर चंडीगढ़ समेत उत्तरी क्षेत्र की छावनियां हाई अलर्ट पर हैं। चंडीगढ़, अंबाला और पंजाब में आला सैन्य अफसर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। ये तैयारियां लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन ही नहीं, बल्कि लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर पाकिस्तान की भी नापाक हरकतों को देखते हुए की जा रही है।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि प्रमुख सैन्य कोर में मौजूदा हालातों को देखते हुए युद्ध संबंधी नीति पर चर्चा की जा रही है। उत्तरी क्षेत्र की तमाम सैन्य कोर मोर्चाबंदी को भी पूरी तरह तैयार है। सूत्रों के मुताबिक वेस्टर्न एयर कमांड को भी हाई अलर्ट पर रखा गया। इसके लिए कमांड के अंतर्गत तमाम वायुसेना स्टेशनों पर लड़ाकू विमानों व हेलीकॉप्टर द्वारा एक्सरसाइज की जा रही है।