सीएए के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा, दो की मौत

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में दो समूहों के बीच हुई झड़प में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। दोनों मृतकों की पहचान अनिरुद्ध विश्वास और मकबूल शेख के रूप में हुई है। इस दौरान कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की गई और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर जलंगी में दो समूहों के बीच संघर्ष हो गया। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई,  जबकि एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। अधिकारी ने कहा कि घायल को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया है।

अभी तक मारे गए लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस बीच, घटना की जानकारी मिलते ही उच्चाअधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। घटना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इलाके में तनाव है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि वह सीएए के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं लेकिन केंद्र को पहले इस विवादास्पद कानून को वापस लेना होगा। ममता ने कहा कि केंद्र के फैसलों के खिलाफ प्रदर्शन करने से विपक्षी पार्टियां राष्ट्र विरोधी नहीं हो जातीं। उन्होंने एक बार फिर से कहा कि वह राज्य में सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) या राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं करेंगी।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा,’यह अच्छा है कि प्रधानमंत्री बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन पहले सीएए को रद किया जाना चाहिए। उन्होंने (केंद्र ने) कश्मीर या सीएए पर फैसला करने से पहले सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई।’ भाजपा की कटु आलोचक ममता ने मेयो रोड में गांधी मूर्ति के निकट सीएए व एनआरसी के खिलाफ विरोध जताया और इस दौरान पेंटिग के जरिए भी विरोध जताया। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता कहा, ‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन पहले सीएए वापस लिया जाए।’

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सोमवार को सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। इस तरह, ऐसा करने वाला वह केरल, पंजाब और राजस्थान के बाद चौथा राज्य बन गया। उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा ने छह सितंबर 2019 को एनआरसी के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था।

वहीं, ममता ने मेयो रोड पर गांधी मूर्ति के पास आयोजित हुए इस कार्यक्रम में बंगाल के जोगेन चौधरी, शुभा प्रसन्ना समेत 42 विख्यात पेंटरों के साथ चित्रकारी के जरिए भी सीएए का विरोध जताया। उन्होंने एक दुखियारी महिला की तस्वीर कैनवस पर उकेरी, जिसकी आंखों से आंसू बह रहे थे और उसके माथे पर सीएए लिखा था। तृणमूल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस पेंटिंग को विभिन्न चित्र प्रदर्शनियों में जनता के अवलोकन के लिए रखा जाएगा।

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