सब्जियां और खाने-पीने की चोजों की आसमान छूती कीमतों की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति दर यानी खुदरा महंगाई दर के बढ़े आंकड़ों को लेकर कांग्रेस महासचिव ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर के 7.35 फीसदी तक पहुंच जाने को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने गरीब की जेब काटकर उसके पेट पर लात मारने का काम किया है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘सब्जियां, खाने पीने की चीजों के दाम आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रहे हैं। जब सब्जी, तेल, दाल और आटा महंगा हो जाएगा तो गरीब खाएगा क्या?’ प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘ऊपर से मंदी की वजह से गरीब को काम भी नहीं मिल रहा है। भाजपा सरकार ने तो जेब काट कर पेट पर लात मार दी है।’
गौरतलब है कि खुदरा मुद्रास्फीति की दर दिसंबर, 2019 में जोरदार तेजी के साथ 7.35 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल आया है।
बता दें कि खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर भी छह साल से ज्यादा के उच्चतम स्तर 14.12% पर रही। मोदी सरकार के कार्यकाल में यह पहला मौका है, जब खाने-पीने की चीजों के दाम इस कदर बढ़े हैं। सब्जियों की कीमतें दिसंबर 2019 में पिछले साल दिसंबर 2018 से औसतन 60.5 प्रतिशत ऊपर चल रही थीं।
खुदरा महंगाई दर लगातार पांचवें महीने बढ़ी है। पिछले साल दिसंबर का इसका स्तर जुलाई 2014 के बाद सर्वाधिक है। खाद्य खुदरा महंगाई की दर लगातार 10 वें महीने बढ़ी है और लगातार दूसरे महीने यह दर दहाई अंक में रही है। नवंबर 2019 में खाद्य खुदरा महँगाई दर 10.01% रही थी। फरवरी 2019 में यह निगेटिव थी। यह एक साल पहले दिसंबर 2018 में यह दर 2.65% निगेटिव रही थी।