नीलांचल इस्पात कारखाने का होगा संप्रसारण: केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। इसमें से ओडिशा के नीलांचल इस्पात निगम (एनआइएनएल) से पूंजी वापस लेने के निर्णय को केन्द्र कैबिनट ने मुहर लगा दी है। इसके द्वारा एनआइएनएल में नए उपाय से पूंजी वापस लेने एवं स्वच्छता पूर्वक नीलामी के माध्यम से आगामी दिनों में 1.1 मिलियन टन क्षमता वाले इस प्रोजेक्ट को 10 मिलियन में तब्दील किया जाएगा। इसके लिए नीलांचल इस्पात कारखाने का संप्रसारण किया जाएगा, यह जानकारी केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए दी है।

प्रधान ने कहा है कि पूरे देश में 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है जबकि ओडिशा में 30 प्रतिशत या फिर 100 मिलियन टन इस्पात उत्पादन किया जाएगा। इस निर्णय से ओडिशा में इस्पात उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी एवं नौकरी, व्यवसाय तथा रोजगार के मार्ग खुलेंगे। कलिंग नगर को स्टील का हब बनाने के एनआइएनएल मुख्य भूमिका निभाने की बात भी केन्द्र मंत्री प्रधान ने कही है। वर्तमान समय में कोयला क्षेत्र में पूंजी निवेश तथा कोयला उत्पादन को बढ़ाने के लिए व्यवस्था को सरल बनाया गया है।

कोयला क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश पर लगी रोक को भी हटाया जाएगा। इस्पात उद्योग को इससे अधिक लाभ मिलेगा। इस्पात का दाम कम होगा। इस नियम से कोल ब्लाक आवंटन में सुविधा होनेेक साथ व्यापारिक कोयले का अधिक मात्रा में उत्पादन होगा। इस संशोधन के साथ कोल ब्लाक का आवंटन खदान लाइसेंस धारकों द्वारा किया जाएगा, जो कि पहले उपलब्ध नहीं था। केन्द्र सरकार के लिए भी यह संशोधित नियम सुविधाजनक होगा, खदान लीज प्रक्रिया सरल होने से लाभ मिलेगा।

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