मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा का माहौल गरम हो गया है। यहां भाजपा विधायकों ने कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के आरोपों पर कड़े तेवर दिखाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी है। मॉब लॉन्चिंग पर सदन का माहौल गरमाया। इरफान अंसारी के मॉब लॉन्चिंग को लेकर पूर्व की सरकार पर लगाए गए आरोप पर भाजपा विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया है। इरफान पर माफी मांगने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इरफान अंसारी ने अब तक माफी नहीं मांगी है। सदन की कार्यवाही 12.15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सत्र के दौरान विधायक समीर मोहंती ने कर्तव्य-निष्ठा की शपथ ली।
झारखंड की पांचवीं विधानसभा के पहले विशेष सत्र का आज आखिरी दिन है। बुधवार को सदन में अनुपूरक बजट और विनियोग विधेयक पारित किए जाएंगे। इससे पहले मंगलवार को सदन के पटल पर 4210 करोड़ के अनुपूरक बजट की मांग रखी गई। इस पर चर्चा के साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा।
केंद्र से राशि मिलने पर ही वित्तीय स्थिति ठीक होगी : राय
पूर्व मंत्री सरयू राय ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं घोषणा कर चुके हैं कि वे श्वेत पत्र लाएंगे और इसे जल्द पेश करना चाहिए। फिलहाल सरेंडर होनेवाली राशि और केंद्र की मदद से ही स्थिति सुधर सकती है। उन्होंने कहा कि नक्सली घटनाओं पर लगाम लगाने के उपाय करने चाहिए।
नव निर्वाचित स्पीकर से सभी को उम्मीदें, जानें किसने क्या कहा
- विधानसभाध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो की कार्यशैली विधानसभा के अंदर और बाहर अनुकरणीय रही है। इसका लाभ सदन को मिलेगा। सदन में स्पीकर को कई बार अपना विवेक से निर्णय लेना पड़ता है। उम्मीद है कि वे अपने दायित्व का निर्वहन बखूबी निभाएंगे। आलमगीर आलम, मंत्री
- सर्वसम्मति से स्पीकर चुने जाने की स्वस्थ परंपरा को बनाए रखने से अच्छा संदेश जनता के बीच जाएगा। स्पीकर जनता की समस्याओं से जुड़े रहे हैं, इसका लाभ मिलेगा। आसन पार्टी से ऊपर होता है, इसलिए वे सभी के साथ न्याय करेंगे यह उम्मीद की जा सकती है। स्टीफन मरांडी, विधायक, झामुमो
- आसन का पद परिभाषित है। स्पीकर वही होता है जो सबसे कम बोलता है। लेकिन कई सत्रों में स्पीकर को ही बहुत बोलना पड़ा है। कोई सदस्य सवाल रखता है और सरकार की किसी खामी को उठाता है तो सरकार को उसका आदर करना चाहिए। कोई निर्णय गलत है तो उसे वापस लेने से भी सरकार को परहेज नहीं करना चाहिए। अध्यक्ष के निर्णय कई बार नजीर और विधायी प्रक्रिया का हिस्सा बन जाते हैं। उम्मीद है कि नए स्पीकर भी स्वस्थ संसदीय परंपरा को कायम करने में अपना योगदान देंगे। सरयू राय, विधायक, निर्दलीय
- उम्मीद है कि नए स्पीकर निष्पक्ष रूप से सदन का संचालन करेंगे। पूरे प्रदेश की जनता की नजर आसन की ओर होगी। उनपर विशेष जिम्मेदारी होगी। बाबूलाल मरांडी, विधायक, झाविमो
- नए स्पीकर चीजों को गहराई से समझते हैं। उम्मीद है कि वे विधानसभा में नई लकीर खींचेंगे। साथ ही सदन की गरिमा को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम करेंगे। प्रदीप यादव, विधायक, झाविमो
- पहली बार इतने शांत वातावरण में स्पीकर का चयन हुआ है। इससे पहले काफी कोलाहल होता रहा है। पंचम विधानसभा एक नजीर बनेगी, यह उम्मीद है। स्पीकर पद की गरिमा और बेहतर होगी। विनोद कुमार सिंह, माले