पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की पुत्री इल्तिजा मुफ्ती ने प्रशासन को पत्र लिखकर सात जनवरी को अपने नाना और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मजार पर जाने की अनुमति मांगी है। मुफ्ती मोहम्मद सईद की सात जनवरी को चौथी पुण्यतिथि है।
इल्तिजा को विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) की सुरक्षा प्राप्त है और उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मुनीर खान को पत्र लिखकर सईद की मजार पर जाने की अनुमति मांगी है। इल्तिजा ने अपने पत्र में कहा कि वह अपने परिवार के साथ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में अपने नाना की मजार पर जाना चाहते हैं। नागरिक प्रशासन और पुलिस ने बार-बार कहा है कि कश्मीर में स्थिति सामान्य है।
ऐसे में नहीं लगता कि हमें उनकी मजार पर श्रद्धांजलि अर्पित करने से मना किया जाना चाहिए। अगर प्रशासन या पुलिस द्वारा हमें शोक जताने और चौथी पुण्यतिथि पर पूर्व मुख्यमंत्री को याद करने के अधिकार से वंचित किया जाता है तो यह शर्मनाक बात होगी।
उन्होंने गुरुवार की घटना का भी जिक्र किया कि जब उन्होंने सईद की कब्र तक जाने का प्रयास किया तो उन्हें हिरासत में लिया गया था क्योंकि उन्होंने अनंतनाग जिले का दौरा करने की अनुमति नहीं मांगी थी।
पीडीपी के दो नेताओं की नजरबंदी हटी
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में लिए गए पीडीपी के दो नेताओं की नजरबंदी हटा ली गई है। अधिकारियों ने बताया कि पीडीपी के दो नेताओं अशरफ मीर एवं रफीक मीर के घरों के बाहर से पुलिस का पहरा शुक्रवार सुबह हटा लिया गया और अब दोनों नेता अपनी दैनिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं।
अशरफ को पहले एमएलए हॉस्टल में रखा गया था और बाद में उन्हें उनके घर में एहतियातन नजरबंद किया गया था। सूत्रों के अनुसार हिरासत में लिए गए कुछ और कश्मीरी नेताओं को जल्द रिहा किया जा सकता है। इस संबंध में प्रशासन विचार कर रहा है। गत 30 दिसंबर को एमएलए हॉस्टल से नेकां के इशफाक जब्बर व गुलाम नबी भट तथा पीडीपी के बशीर मीर, जहूर मीर और यासिर रेशी को रिहा किया गया था।
इससे पहले 25 नवंबर को दो नेताओ पीडीपी के दिलावर मीर और डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के गुलाम हसन मीर को रिहा किया था। नेकां नेता अली मोहम्मद सागर तथा उनके बेटे सलमान सागर को रिश्तेदार के जनाजे में शामिल होने की भी अनुमति दी गई थी। ज्ञात हो कि हॉस्टल में 34 नेता बंद थे। इनमें से सात को रिहा कर दिया गया है।