अलीगढ़ के गोंडा की रुद्र कोचिंग के संचालक ललित कुमार को पकड़ने के बाद पुलिस को उसके 30 सदस्यों की तलाश है। इनकी गैंग में अलग-अलग भूमिका थी। किसी ने परीक्षा दी तो किसी ने अभ्यर्थियों को बुलाया था। पुलिस सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है।
क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को अलीगढ़ के गोंडा स्थित नई बस्ती निवासी ललित कुमार, गोंडा के नगला दरबार निवासी जतिन उर्फ जितेंद्र सारस्वत और सौरभ चौधरी को पकड़ा था। ललित रुद्र कोचिंग का संचालक है, जबकि जतिन और सौरभ उसके साथी हैं।
पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि ललित के गैंग में 30 लोग हैं। इनमें बिहार का मदन भी है। वह सॉल्वरों को लाने का काम करता था। दिल्ली और बिहार से सॉल्वर लाए जाते थे। यह सभी ललित के संपर्क में थे।
अब पुलिस के रडार पर ललित के साथी हैं। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस भर्ती में अब तक मुन्नाभाई सहित 26 पकड़े जा चुके हैं। इसमें दो गैंग के सरगना भी शामिल हैं।
पहले छोड़े, फिर से पकड़े युवक
क्राइम ब्रांच ने ललित के गैंग सहित पांच को पकड़ा था। हालांकि तीन को गिरफ्तार दिखाया था। बाकी दो को छोड़ दिया था। इससे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए थे। रविवार को अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने मामला संज्ञान में लिया। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने छोड़े युवकों को फिर से पकड़ लिया।
रजनेश नहीं आ रहा पुलिस के हाथ
फिरोजाबाद के गैंग के सरगना रजनेश और उसके भाई गिरजेश को पुलिस 15 दिन बाद भी नहीं पकड़ सकी थी। पुलिस भर्ती प्रक्रिया में मुन्नाभाई के पकड़े जाने के बाद सबसे पहले उसका नाम सामने आया था। इसके बावजूद पुलिस उसकी गिरफ्तारी नहीं कर सकी है