नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड के बाद बिहार का एक और राजनीतिक दल दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में ताल ठोकने की तैयारी में है। दरअसल, बिहार की प्रमुख राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों को उतारने का फैसला लिया है। इसका एलान राजद के वरिष्ठ नेता और राज्य पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने झारखंड की राजधानी रांची में किया। दिल्ली की 70 में से कितनी सीटों पर राजद चुनाव लड़ेगा? इसका फैसला बाद होगा, लेकिन इससे AAP, भाजपा और कांग्रेस में हलचल जरूर बढ़ गई है।
AAP-कांग्रेस-BJP को होगी परेशानी
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जनता दल यूनाइटेड के बाद राष्ट्रीय जनता दल के भी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर लड़ने के फैसले ने दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की भी मुसीबत बढ़ेगी। इसकी बड़ी वजह है कि बिहार आधारित दोनों दल जदयू और राजद दिल्ली में रह रहे पूर्वांचल और बिहार के वोटरों के सहारे चुनावी मैदान में उतर रही हैं, तो जाहिर है वोटों को बंटवारा भी होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि इससे भाजपा, कांग्रेस और AAP तीनों दलों को अप्रत्य़क्ष रूप से नुकसान होगा।
22 से अधिक सीटों पर असर डालते हैं पूर्वांचल के वोटर
राजनीति के जानकारों की मानें तो पूर्वांचल और बिहार के वोटर्स दिल्ली की 70 में 22 से अधिक विधानसभा सीटों पर सीधे असर डालते हैं। पूर्वांचल और बिहार के वोटर्स जिस दल को वोट करेंगे वह न केवल जीतता है, बल्कि वह सरकार बनाने तक में कामयाब हो जाता है।
बदलनी पड़ेगी भाजपा-कांग्रेस और AAP को रणनीति
दरअसल, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी पूर्वांचल और बिहार के वोटर्स के मद्देनजर पहले ही मनोज तिवारी को दिल्ली का भाजपा अध्यक्ष बनाकर बड़ा दांव खेल चुकी हैं। ऐसे में जाहिर है राजद और जदयू के प्रत्याशियों की दिल्ली विधानसभा चुनाव में एंट्री से भाजपा को भी कुछ हद नुकसान होगा।
AAP को भी बनानी होगी रणनीति
बताया जाता है कि 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने में पूर्वांचल और बिहार के वोटर्स का बड़ा योगदान था। यह वजह थी कि दिल्ली की 70 में से 67 सीटें जीत कर आम आदमी पार्टी ने न केवल एक नया इतिहास रचा,बल्कि सरकार भी बनाई।
गौरतलब है कि बुधवार को झाऱखंड की राजधानी रांची में रिम्स के पेइंड वार्ड में भर्ती राजद मुखिया सुप्रीमो लालू प्रसाद से बेटे तेजस्वी यादव ने मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों से मुलाकात में तेजस्वी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल अपने प्रत्याशी उतारेगा, लेकिन क्या सभी 70 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे, इसका उत्तर नहीं मिला है।