नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार से प्री-बजट बैठकें शुरू कीं। पहली मीटिंग में मोबाइल फोन इंडस्ट्री ने जीएसटी दरों में बदलाव की मांग की। इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रोनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने बताया कि 1200 रुपए से कम के मोबाइल हैंडसेट पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% करने की अपील की है। इससे फीचर फोन खरीदने वाले 15 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
एक्सपोर्ट इन्सेंटिव घटने से नौकरियां जाने का खतरा: आईसीईए
- मोहिंद्रू ने बताया कि महंगे फोन पर कस्टम ड्यूटी की सीमा अधिकतम 4,000 रुपए तय करने की अपील भी की है। मोबाइल फोन की बढ़ती कालाबाजारी पर रोक लगनी चाहिए। इंडस्ट्री ने एक्सपोर्ट इन्सेंटिव में कटौती पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग भी की। आईसीईए का कहना है कि इन्सेंटिव घटने से भारी संख्या में नौकरियां जाने का खतरा बढ़ेगा। बता दें विदेशी व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 7 दिसंबर को मोबाइल हैंडसेट एक्सपोर्ट पर इन्सेंटिव 4% से घटाकर 2% करने का फैसला लिया था।
- मोहिंद्रू ने प्री-बजट बैठक की चर्चा के बारे में बताया कि देश को मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सरकार ग्लोबल ब्रांड के साथ ही भारतीय कंपनियों को भी मदद देना चाहती है। बैठक में अन्य उद्योग संगठन- नैस्कॉम, टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन, इंडियन प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपिटल एसोसिएशन के साथ ही एपल, जावा और रिलायंस जियो के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
- प्री-बजट बैठकों का दौर 23 दिसंबर तक चलने के आसार हैं। सरकार एक फरवरी को 2020-21 का बजट पेश कर सकती है। इस बार बजट में आर्थिक विकास दर बढ़ाने पर फोकस रहेगा। जीडीपी ग्रोथ सितंबर तिमाही में 4.5% रह गई। यह 6 साल में सबसे कम है।