चंडीगढ़ . पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप मामले में अब और नया खुलासा हुआ है। मामले की जांच कर रहे स्टेट विजिलेंस ब्यूराे ने नया घोटाला पकड़ा है, जिसमें इसकी राशि करोड़ों रुपए में बताई जा रही है। जांच रिपोर्ट के अनुसार एक रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर और एक निलंबित डिप्टी डायरेक्टर समेत सात लोगों ने पूरा खेल किया है।
ब्यूरो की ओर से इनके खिलाफ कार्यवाही को लेकर की गई सिफारिश को सरकार ने मंजूरी दे दी है। ब्यूरो की ओर से अब इन सातों अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। यह नया घोटाला हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी और चरखी दादरी जिलों की हुई जांच में सामने आया है।
विजिलेंस ब्यूरों की ओर से इससे पहले रोहतक, सोनीपत और झज्जर में मिली गड़बड़ी की रोहतक जबकि यमुनानगर में मिली गड़बड़ी की पंचकूला विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, जिस पर आगे की जांच जारी है। इन जिलों में 26 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आ चुका है। जबकि बाकी जिलों की जांच भी अभी चल रही है। बता दें कि करीब छह महीने पहले एसी-बीसी वेलफेयर डिपार्टमेंट में तत्कालीन निदेशक संजीव वर्मा ने इसका खुलासा किया था।
3 साल से हो रही जांच
विजिलेंस की ओर से 2016-17 से 2018-19 तक एससी-बीसी के स्टूडेंट्स को जारी की गई स्कॉलरशिप की जांच की जा रही है। इसमें सामने आया है कि स्टूडेंट्स के आधार नंबर बदलकर यह फर्जीवाड़ा किया गया। अनेक फर्जी स्टूडेंट्स के नाम स्कॉलरशिप जारी कर दी गई।
क्या है स्कीम
स्कीम के अनुसार एससी स्टूडेंट्स को 230 से 1200 रुपए, बीसी स्टूडेंट्स को 160 से 750 रुपए तक मासिक स्कॉलरशिप तय की गई। 2017-18 से इन वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए ट्यूशन फीस का 25 फीसदी या 5 हजार रुपए, जो कम है, वह देने का प्रावधान भी है।
इनके खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर
चंडीगढ़ मुख्यालय के निलंबित डिप्टी डायरेक्टर अनिल कुमार, रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र सिंह सांगवान, रिटायर्ड जिला कल्याण अधिकारी बलवान सिंह, भिवानी में रहे पंचकूला के जिला कल्याण अधिकारी विनोद कुमार चावला, भिवानी में रहे नारनौल के जिला कल्याण अधिकारी सुरेश कुमार, चंडीगढ़ मुख्यालय में कार्यरत निलंबित सहायक बिलेंद्र सिंह और सोनीपत जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय के निलंबित लेखाकार कम लिपिक सुरेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं। इनमें डिप्टी डायरेक्टर अनिल कुमार, रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र सांगवान, सहायक बलेंद्र सिंह, लेखाकार सुरेंद्र कुमार और रिटायर्ड जिला कल्याण अधिकारी बलवान सिंह का नाम रोहतक में दर्ज हो चुकी एफआईआर में भी आ चुके हैं।
आराेप नकारे
पंचकूला में कार्यरत जिला कल्याण अधिकारी विनोद चावला ने कहा कि वे 2015 से अब तक आठ जिलों में कार्य कर चुके हैं। कभी भी गड़बड़ी नहीं की। उनके खिलाफ विजिलेंस ने 20 केसों में गड़बड़ी बताई है लेकिन एक भी गलत नहीं है। उनके पास सभी सबूत हैं, जिनमें वास्तविक बच्चों को ही स्कॉलरशिप दी गई है।