सरकार चुनने की प्रक्रिया में हम तीसरे चरण में पहुंच गए है। गुरुवार को 17 सीटों पर मतदान होना है और पिछले दो चरण की तरह ही हमने इस चरण की भी सभी सीटों के मतदाताओं की राय-शुमारी की है कि उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या है। दिलचस्प यह है कि गांव से लेकर शहर तक सबसे बड़ा मुद्दा शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं ही निकल कर रहा है और हैरतअंगेेज यह है कि किसी भी राजनीतिक दल के मंच से इन मुद्दों पर कोई गंभीर बात नहीं हो रही है।
झारखंडी बनकर झारखंड के लिए वोट देने की जागरण की इस मुहिम के तहत जिन दस मुद्दों पर मतदाताओं की प्राथमिकता जानी गई, उसमें सबसे ऊपर यही दो मुद्दे रहे हैं। मतलब सभी राजनीतिक दलों को समझना चाहिए, शिक्षा और स्वास्थ्य के बिना झारखंड तरक्की नहीं कर सकता। राजनीतिक दलों का फोकस इन मुद्दों के समाधान पर होना चाहिए। सभी दलों के घोषणापत्रों में इन्हें जरूर जगह मिली है, लेकिन वह चिंता गायब है जो मतदाताओं में दिख रही है। खैर, चुनाव बाद चुने जाने वाले माननीयों के लिए जनता का यह घोषणापत्र रास्ता दिखाने का काम कर सकता है। पिछले दो दौर में अपनायी गई प्रक्रिया को तीसरे चरण में भी अपनाया गया।
सभी विधानसभा सीटों पर मतदाताओं से उनके क्षेत्र के दस प्रमुख मुद्दे व प्राथमिकता को लेकर राय जानी गई। शिक्षा में सुधार को 41 फीसद ने सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा। इस चरण में शहरी सीटें ज्यादा हैं। इससे यह बात भी स्पष्ट हो रही है गांवों में ही शिक्षा व्यवस्था का हाल बुरा नहीं है, शहरी भी इससे दो चार हैं और इस स्थिति में सुधार की जरूरत महसूस कर रहे हैं। वहीं इस चरण में भी स्वास्थ्य फिर से दूसरी सबसे बड़ी प्राथमिकता के तौर पर सामने आया है। ओवरऑल 29 फीसद लोगों ने इसमें सुधार की मांग की। जिनमें अधिकतर स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी व पारा मेडिकल स्टाफ न होना, दवाइयां न मिलना जैसे कारण मतदाताओं ने गिनाए।
वहींं रोजगार व पलायन भी तीसरे नंबर पर बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। जबकि शुद्ध पीने के पानी की समस्या भी चौथे नंबर पर लोगों की सर्वोच्च प्राथमिकता में रही। पर्यावरण संरक्षण व खनन की समस्या से गोमिया, बेरमो के मतदाता सबसे ज्यादा परेशान दिखे। गोमिया में 27 फीसद और बेरमो में 33 फीसद मतदाताओं ने इसे सबसे बड़ी परेशानी मानते हुए जनप्रतिनिधि से इस क्षेत्र में ठोस कदम उठाने की बात कही। इन दोनों क्षेत्रों में शिक्षा को 5 व 6 फीसद लोगों ने प्राथमिकता में रखा। सभी सत्रह विधानसभा के दस प्रमुख मुद्दों को ग्राफिक्स के जरिए समझा जा सकता है और इसी आधार पर अपने प्रत्याशियों और दलों का आंकलन भी कर लें, ताकि चुने गए प्रतिनिधि और सरकार इनका प्रथामिकता से समाधान कर सकें।