हरियाणा की नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने गुरुवार को “हरियाणा गवाह संरक्षण योजना, 2025” को लागू कर दिया। यह योजना राज्य में जल्द लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों के मद्देनजर गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाई गई है।
किन मामलों में लागू होगी यह योजना?
गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार, यह योजना उन गवाहों पर लागू होगी जो ऐसे अपराधों से जुड़े हैं, जिनमें मृत्युदंड, आजीवन कारावास, या सात वर्ष या उससे अधिक की सजा हो सकती है।
इसके अलावा, यह योजना भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 74, 75, 76, 77, 78 और 79 तथा बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (POCSO) की धारा 8, 10, 12, 14 और 15 के तहत आने वाले मामलों में भी लागू होगी।
गवाहों की श्रेणियां
गवाहों की सुरक्षा स्तर के आधार पर उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है:
- कैटेगरी A: जब गवाह, उनके परिवार या किसी करीबी व्यक्ति की जान को खतरा हो।
- कैटेगरी B: जब गवाह या उनके परिवार की सुरक्षा, प्रतिष्ठा या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जाए।
- कैटेगरी C: जब गवाह को उत्पीड़न या डराने-धमकाने की आशंका हो।
गवाह संरक्षण के उपाय
योजना के तहत कई सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
✅ गवाह और आरोपी को आमने-सामने न आने देना (जांच और मुकदमे के दौरान)।
✅ ईमेल और टेलीफोन कॉल्स की निगरानी।
✅ गवाह को पुलिस सुरक्षा प्रदान करना।
✅ गवाह की पहचान बदलने का विकल्प।
✅ नए नाम, पेशे या पारिवारिक पहचान के साथ सरकारी दस्तावेज उपलब्ध कराना।
✅ गवाह को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करना (राज्य या देश के अन्य हिस्सों में)।
✅ राजकीय वाहन या सरकारी खर्चे पर परिवहन उपलब्ध कराना।
✅ मुकदमे की इन-कैमरा सुनवाई कराना।
गवाह संरक्षण सेल की स्थापना
हर जिले में गवाह संरक्षण सेल बनाई जाएगी, जिसे पुलिस अधीक्षक (SP) या पुलिस उपायुक्त (DCP) के नेतृत्व में संचालित किया जाएगा। इस सेल की मुख्य जिम्मेदारी गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और संबंधित आदेशों को लागू करना होगी।
योजना के तहत गवाह संरक्षण के उपायों की समयावधि अधिकतम तीन महीने होगी, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है।
हरियाणा सरकार की इस योजना से महत्वपूर्ण मामलों के गवाहों को सुरक्षा मिल सकेगी, जिससे न्याय प्रक्रिया मजबूत होगी और अपराधियों के खिलाफ गवाही देने का डर कम होगा।