नई दिल्ली। चार हजार बसों को जमीन पर उतारने की तैयारी में जुटी दिल्ली की आप सरकार अब 2500 मिनी बसें भी सड़कों पर उतारेगी। ये बसें मेट्रो फीडर बसों की तर्ज पर सड़कों पर उतारी जाएंगी। दिल्ली सरकार की योजना इन बसों को क्लस्टर स्कीम के तहत चलाने पर विचार किया जा रहा है।
लास्ट माइल कनेक्टीविटी को बेहतर बनाना लक्ष्य
इस योजना का उद्देश्य लास्ट माइल कनैक्टीविटी को बेहतर बनाना है। लास्ट माइल कनैक्टीविटी को लेकर कुछ माह पहले डिम्ट्स द्वारा सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में 46 नए फीडर रूट शुरू करने की सिफारिश की गई है। इसमें 15 फीडर रूटों पर कम अंतराल पर मिनी बसें चलाई जाएंगी। जबकि 29 सामान्य फीडर रूट होंगे। इन रूटों की लंबाई 3 किलोमीटर से लेकर 10 किलोमीटर तक है।
यह हैं रूट
इसमें रोहिणी पश्चिम-नांगलोई, सुल्तानपुर डबास-रिठाला, खेरा कलां-जहांगीरपुरी, भलस्वा डेयरी-जहांगीरपुरी, मुकुंदपुर-आजादपुर, कल्याण विहार-वजीराबाद, मुहम्मदपुर-द्वारका-9, बिंदापुर-द्वारका-13, द्वारका 3-4 से नवादा, नसीरपुर-जनकपुरी वेस्ट, नजफगढ़-भगवती गार्डन,पूसा-करोलबाग व द्वारका से धौलाकुंआ आदि नए फीडर रूट को शामिल किया गया है।
लोगों को बसों के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार
इन बसों के चलने के बाद दिल्ली के लोगों को अपने घर या कार्यालय जाने के लिए बसों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उनकी कॉलोनी से कुछ दूरी पर बस मिल सकेगी। सरकार ने डिम्ट्स को बस रूटों को तर्कसंगत बनाने के लिए वैज्ञानिक स्टडी की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके लिए विशेषज्ञों की मदद ली गई। डिम्ट्स ने स्टडी पूरी कर सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें बसों के रूटों को लेकर सिफारिशें की गई हैं। नए बनाए गए रूटों को लेकर की गई सिफारिशों को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट में लास्ट माइल कनेक्टीविटी पर खास जोर दिया गया है, ताकि लोगों को घर से 500 मीटर के दायरे में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिल सके।
परिवहन मंत्री ने कहा
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि लास्ट माइल कनैक्टीविटी दिल्ली सरकार के लिए अहम मुद्दा है। हम इस गंभीरता से काम कर रहे हैं। आने वाले समय में लोगों को उनके घर से 500 मीटर की दूरी पर सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। बसों के रूटों को लेकर कराई गई वैज्ञानिक स्टडी में भी कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। फीडर बसों के कई नए रूट मिले हैं। इनकी लंबाई अधिकतम दस किलोमीटर होगी। रूट रूटों पर हम अपनी मिनी बसें भी चलाएंगे। इसके लिए 2500 सड़कों पर उतारी जाएंगी।